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राज्यसभा से विदा लेते भावुक हुए गुलाम नबी आज़ाद, कहा- मुझे फख्र है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद मंगलवार को राज्यसभा से विदाई लेते समय काफी भावुक हो गए। उनका कार्यकाल जल्द ही खत्म हो रहा है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का फख्र है कि वे हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गए। जब मैं पाकिस्तान के बारे में पढ़ता हूं, वहां जो आज हालात हैं, मुझे गौरव और फख्र महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। आज विश्व में अगर किसी मुसलमान को गर्व होना चाहिए तो वह हिंदुस्तान के मुसलमान को गर्व होना चाहिए।”

दरअसल, सदन में काफी भावुक माहौल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में वर्ष 2006 में श्रीनगर आतंकी हमले के दौरान की घटनाओं को याद करके और गुलाम नबी आज़ाद के साथ अपनी मित्रता को लेकर भावुक हो गए। उस घटना को लेकर कांग्रेस नेता ने भी अपने अनुभव याद किए और भावुक नजर आए।

गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन में अपने लिए की गई टिप्पणियों पर कहा, “प्रधानमंत्री ने जिस तरह भावुक होकर मेरे बारे में कुछ शब्द कहे मैं सोच में पड़ गया कि क्या कहूं।” मोदी ने 2006 के श्रीनगर आतंकी हमले के दौरान उनके साथ काम करने के अनुभवों को याद किया था और इस दौरान वे भावुक हो गए थे। वर्ष 2006 में श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में गुजरात के कई पर्यटक मारे गए थे। उस वक्त की घटनाओं को याद करते हुए आज़ाद ने बताया, “हमले के बाद जब मैं एयरपोर्ट पहुंचा तो जो छोटे-छोटे बच्चे थे वहां जिन्होंने अपने माता-पिता को खोया था, वे मेरी टांगों से लिपट कर रोने लगे। मैं भी रोया। मैं उनकी लाशों को विदा करने गया था जो कश्मीर घूमने आए थे।”  

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, “गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। लेकिन, गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे। उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें,  वैसी चिंता वे कर रहे थे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नादिर अहमद का सदन में कार्यकाल समाप्त होने पर उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने गुलाम नबी आजाद को लेकर कहा, “मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।”

gajendra tripathi

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