लोकसभा चुनाव में वाराणसी समेत 8 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. इस दौरान मोदी ने केदारनाथ में बनी पवित्र गुफा में भी ध्यान लगाया. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “मोदी किसी गुफा के अंदर रात बिताने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं.”
प्रधानमंत्री को ध्यान लगाते देख अब आम लोग भी केदारनाथ की गुफा के बारे में जिक्र करने लगे हैं. आइए इस आध्यात्मिक गुफा से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में आपको बताते हैं.
इस गुफा का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है. केदारनाथ विकास धाम की जिम्मेदारी संभालने के बाद पीएम मोदी ने ही इस गुफा को बनाने के निर्देश जारी किए थे. इसका नाम रूद्र गुफा है. गुफा का निर्माण पिछले साल ही किया गया था. यह गुफा 12250 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है, जिसका इस्तेमाल श्रद्धालु विधिवत रूप से कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने जिस गुफा में साधना की है यह गुफा कोई प्राकृतिक नहीं है, बल्कि भूमिगत है. ये गुफा गढ़वाल मंडल विकास निगम की टूरिज्म प्रॉपर्टी है. आप चाहें तो सिर्फ 3000 रुपये देकर इस गुफा में एंट्री ले सकते हैं. यह किराया गुफा में तीन दिन रहने के लिए मान्य है.यानी गुफा में रहने का एक दिन का खर्च 999रुपये होगा.
ध्यान, मेडिटेशन और आध्यात्मिक शांति के लिए बनाई गई इस गुफा में सुविधा की सभी चीजें उपलब्ध हैं. यह गुफा टॉयलेट, बिजली और टेलीफोन जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस है. आप फोन के जरिए किसी भी प्रकार की सहायता ले सकते हैं. सहायता के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम हमेशा तत्पर रहता है.
इस गुफा में बैठकर आप खाना, नाश्ता, चाय, डिनर बड़ी आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं. केदारनाथ के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. ऐसे में अगर आप चाहें तो गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) की साइट पर जाकर गुफा में रहने का बंदोबस्त कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विशेष रूप से बनाई गई गुफा के अंदर दुनियादारी से पूरी तरह से विरक्त हो गए थे. गुफा में बिजली, शौचालय, टेलीफोन आदि की सुविधा थी और सीसीटीवी कैमरा लगा था. उन्होंने कहा, “कोई कम्युनिकेशन नहीं था. बस एक छोटी सी खिड़की थी जिसके जरएि मैं मंदिर को देख सकता था.”