गुजरात विस चुनाव : पाटीदार फैक्टर- 52 में से BJP ने 28 और कांग्रेस ने जीतीं 23 सीटें

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीते 22 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए इस बार चुनाव खासा कठिन रहा। इस बार भाजपा ने भले ही सरकार बना ली हो लेकिन पिछली बार की तुला में सीटों का कम होना उसकी चिन्ता को बढ़ाने वाला है। परिणामों से स्पष्ट है कि गुजरात की जनता को भाजपा से जितनी उम्मीद थी पार्टी उस पर पार्टी खरी नहीं उतरी। इस बार कांग्रेस को थोड़ा सफल कहा जा सकता है।

कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद राज्य में पाटीदारों की बीजेपी से नाराजगी को लेकर थी। पाटीदारों ने हार्दिक पटेल के नेतृत्व में ओबीसी में आरक्षण की मांग की थी। गुजरात की जनसंख्या में पाटीदार 12 फीसदी हैं। इनमें दो उपजातियां कड़ुआ और लेउआ पटेल हैं। राज्य में पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल ने खुले तौर पर अपने समुदाय से बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील की थी।

गुजरात विधानसभा चुनावों के परिणाम में भाजपा की जीत पर पाटीदारों की कितनी मोहर लगी है यह जानना जरूरी है। बता दें कि कांग्रेस को जिस हार्दिक पटेल के पाटीदारों पर भरोसा था उसका शहरी पाटीदारों पर कोई खासा असर नहीं दिखा। शहर में रहने वाले पाटीदारों ने बीजेपी को ही वोट दिया है, लेकिन ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मारी है।

पाटीदार बाहुल 52 सीटों की स्थिति

गुजरात में जिन सीटों पर पाटीदारों का असर है, उनमें कई सीटों पर कांग्रेस ने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है। राज्य की पाटीदार बाहुल 52 सीटों में से बीजेपी ने 28 सीटें जीतीं है और कांग्रेस 23 सीटें कब्जायी है। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीता है। यहां बता दें कि 2012 के चुनावों में इन सीटों में बीजेपी की 36 के मुकाबले कांग्रेस 14 सीटें ही जीत सकी थी। दो सीटें केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी ने जीती थी।

सौराष्ट्र में ’हाथ’ हुआ मजबूत

इस बार के चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी को 12 सीटें कम मिली है। तब भाजपा को इस इलाके से 35 सीटें मिली थीं और कांग्रेस के हिस्से में 16 सीटें थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस को 30 सीटें मिली हैं और बीजेपी को 23 सीटों पर ही विजय श्री मिल सकी। माना जा रहा है कि सौराष्ट्र में बीजेपी को यह नुकसान पाटीदार आंदोलन की वजह से हुआ।

सूरत में बेअसर रहे हार्दिक पटेल

सौराष्ट्र में असर के बावजूद पाटीदार आंदोलन सूरत में बेअसर रहा। यहां हार्दिक का जादू नहीं चला। बता दें कि हार्दिक पटेल ने सूरत में रैली की थी और दूसरे पाटीदार नेताओं ने भी सूरत पर फोकस किया था। इसके बावजूद यहां से भाजपा प्रत्याशी ही जीता। जामनगर ग्रामीण सीट पर जहां बीजेपी के पटेल नेता को कांग्रेस प्रत्याशी ने हराया, वहीं गोंडल सीट, जहां 50 फीसद पाटीदार वोटर हैं, वहां बीजेपी प्रत्याशी ने ही जीत अपने नाम की. सूरत की 16 सीटों में से 15 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

bareillylive

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago