देहरादूनः उत्तराखण्ड में भाजपा से निकाले गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को पार्टी में लेने के लिए कांग्रेस ने जिस तरह 6 दिन का इंतज़ार कराया, उससे यही लग रहा था कि प्रत्याशियों की सूची जारी करते वक्त कांग्रेस शायद “एक परिवार, एक टिकट” के सिद्धांत को लागू कर दे लेकिन शनिवार देर रात उसने जो पहली सूची जारी की है, उसमें भाजपा से कांग्रेस में लौटे आर्य पिता-पुत्र (यशपाल और संजीव) का नाम शामिल है। ऐसे में भाजपा से आए हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं की भी उम्मीदों की किरण जागती नजर आ रही।
पार्टी ने फिलहाल 53 प्रत्याशियों के टिकट ही घोषित किए हैं, बाकी 65 की सूची में शामिल 12 नामों को अंतर्कलह की वजह से रोक दिया बताया जा रहा है। यह अभी भी रहस्य बना है कि कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ रहे हैं कि नहीं क्योंकि पहली सूची में उनका नाम नहीं है।
सिटिंग विधायकों पर जताया भरोसा, इंदिरा हृदयेश के बेटे को टिकट
पार्टी ने एक बार फिर सिटिंग विधायकों पर भरोसा जताया है। इनमें प्रीतम सिंह-चकरौता, करन माहरा-रानीखेत, काजी निजामुद्दीन-मंगलौर, गोविंद सिंह कुंजवाल-जागेश्वर, मनोज रावत-केदारनाथ, ममता राकेश-भगवानपुर, मो. फुरकान अहमद-पिरान कलियर, हरीश सिंह धामी-धारचूला और आदेश सिंह चौहान-जसपुर के नाम शामिल हैं। नेता प्रतिपक्ष रहीं डॉ. इंदिरा हृदयेश की परंपरागत हल्द्वानी सीट से उनके बेटे सुमित हृदयेश को टिकट दिया गया है। इसमें खास बात यह है कि, टिकट बंटवारे में उन सभी कांग्रेस विधायकों को पूरी तवज़्ज़ो दी गई है जो 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार पर संकट के समय पार्टी के साथ खड़े रहे। इससे पता चलता है कि टिकट बंटवारे में हरीश रावत के निर्णय को हाईकमान का पूरा समर्थन मिला।
पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल को श्रीनगर से उतारा, हरीश को लेकर सस्पेंस
सूची में 18 प्रत्याशी नए हैं या नई सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें भाजपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़े मालचंद को पुरोला, यमुनोत्री से दीपक बिजल्वाण, कर्णप्रयाग से मुकेश सिंह नेगी, रुद्रप्रयाग से प्रदीप थपलियाल नए चेहरे हैं। घनसाली से पार्टी ने पिछला चुनाव निर्दलीय लड़े धनीलाल शाह और सहसपुर से आर्येन्द्र शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर पिछला चुनाव किशोर उपाध्याय लड़े थे। अब किशोर के भाजपा में जाने की चर्चा है।
इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को श्रीनगर से टिकट दिया है जबकि हीरा सिंह बिष्ट को रायपुर से उतारा गया है। वह डोईवाला से चुनाव लड़ते रहे हैं। हरिद्वार से सतपाल ब्रह्मचारी, गंगोलीहाट से खजान चंद्र गुड्डू, बागेश्वर से रंजीत दास, नैनीताल से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य, हल्द्वानी से पूर्व मंत्री व नेता प्रतिपक्ष स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के सुपुत्र सुमित हृदयेश को उम्मीदवार बनाया गया है।
काशीपुर से नरेंद्र चंद सिंह, बाजपुर से यशपाल आर्य, गदरपुर से प्रेमानंद महाजन, रुद्रपुर से मीना शर्मा को नए चेहरे के तौर पर उतारा है। इन सीटों पर पुराने प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया गया। किच्छा से इस बार तिलक राज बेहड़ को मौका दिया गया है। इस सीट पर पिछला चुनाव हरीश रावत लड़े थे। पिछला चुनाव बसपा से लड़े नवतेजपाल सिंह को सितारगंज से उतारा गया है लेकिन हरीश रावत का नाम न होने से उनके चुनाव लड़ने न लड़ने को लेकर सस्पेंस बना है।
खटीमा में फिर धामी और भुवन की टक्कर, कौशिक की सतपाल से
कांग्रेस ने खटीमा विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ एक बार फिर भुवन चंद्र कापड़ी को मैदान में उतारा है। हरिद्वार सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को इस बार कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी टक्कर देंगे। हॉट सीट माने जाने वाली इन दोनों सीटों पर पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगी।