हार्दिक पटेल ने बीजेपी को दी गुजरात में 2017 का कमल नहीं खिलने की चुनौती

अहमदाबाद । ओबीसी कोटा की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को  पटेल समुदाय  की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि 1998 में कांग्रेस को उखाड़ फेंका था, अब 2017 आने वाला है और चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं।  उन्‍होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है।

केंद्र सरकार, राज्‍य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पटेल समुदाय को आरक्षण प्‍यार से हक दोगे तो ठीक, वरना छीनना हमें भी आता है। उन्‍होंने कहा कि हम जहां से निकलते हैं, क्रांति वहीं से शुरू हो जाती है।  पटेल ने कहा कि युवाओं को हक नहीं मिला तो नक्‍सलवाद पैदा होगा। हम भीख नहीं, अपना हक मांग रहे हैं। हम किसी समाज के खिलाफ नहीं, मगर हमार हक न मिलने तक आंदोलन खत्‍म नहीं होगा। मोदी साहब हमें सबका साथ, सबका विकास चाहिए।

इस बीच, अहमदाबाद में सुरक्षा व्‍यवस्‍था काफी कड़ी कर दी गई है। समुदाय के नेताओं ने अपनी प्रस्तावित रैली से पहले आज शहर में बंद का भी आह्वान किया है। महाक्रांति रैली जीएमडीसी मैदान में विशाल सभा के बाद निकाली जाएगी जहां पटेल समुदाय के कम से कम 25 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

समुदाय के नेता हार्दिक पटेल ने मोदी सरकार को को ललकारते हुए कहा कि 1998 में कांग्रेस को उखाड़ फेंका था, अब 2017 में चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं।

भाषण के बाद हार्दिक से बात करने पुलिस पहुंची, लेकिन हार्दिक ने  मांग रखी है कि पहले सीएम आनंदी बेन को बुलाया जाए, तभी वह साथियों के साथ मंच छोड़ेंगे।

पटेल ने कहा कि NRI से पूछा गया कि आप लोग तो समृद्ध पटेल हैं, आपने क्यों आरक्षण का समर्थन किया, उन्होंने कहा कि हमें वहां आरक्षण मिला होता तो अमेरिका न आते। हम पूरे समाज के हक के लिए निकले हैं। आप हमारा विरोध कर रहे हैं इससे ज्यादा बुरी बात ये है कि गुजरात की दूसरी जाति ये सोच कर खुश हो रही है कि देखो ये लोग अंदर अंदर टूट गए हैं। गुज्जर समाज का भी हमें समर्थन है। उन्होंने कहा कि अगर आपको अपना आंदोलन बाहर ले जाना है तो बताइएगा हम दिल्ली का हाइवे बंद करवा देंगे। हमने उनसे कहा कि कुछ दिन हमें भी गुजरात में गुज्जर बनने दीजिए, हम भी रेल की पटरी उखाड़ेंगे। हम नेताओं से डरते नहीं हैं। कुछ लोगों ने कहा कि तुम्हें रातोंरात उठा लेंगे, मैंने कहा ठीक है उठा कर घर छोड़ देंगे। हमें न सीएम बनना है न कुछ और, हमें तो बस सरदार बनना है। खेती ओबीसी को दे दी कि भाई तू कर। हमने कभी किसी के साथ झगड़ा नहीं किया, बवाल नहीं किया, लेकिन अगर किसी से बवाल हुआ है तो छोड़ा भी नहीं।

हार्दिक ने उपस्थित लोगों से कहा कि ,यदि आप हमारा अधिकार (आरक्षण) नहीं देते तो हम इसे छीन लेंगे। जो भी पटेलों के हित की बात करेगा, वही पटेलों पर राज करेगा। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी, 1985 में हमने गुजरात से कांग्रेस को उखाड़ दिया था, आज भाजपा है। कीचड़ में कमल नहीं खिलेगा,  कभी नहीं खिलेगा। आप हमारे हित की बात करोगे तभी हम आपका कमल खिलाएंगे। पटेल झुकने को तैयार नहीं हैं, जबकि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने में अपनी असमर्थता जता चुकी हैं और नेताओं से आंदोलन खत्म करने तथा वार्ता के लिए आगे आने का अनुरोध कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने पटेलों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने में अपनी असमर्थता को लेकर उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों और फैसलों का हवाला दिया था।

हार्दिक पटेल ने भीड़ के उत्साही कोलाहल के बीच कहा कि कुछ पार्टियां कहती हैं कि आप उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों (आरक्षण 50 प्रतिशत तक सीमित किए जाने) के बारे में नहीं जानते, यह नहीं हो सकता। यदि उच्चतम न्यायालय एक आतंकवादी के लिए तड़के साढ़े तीन बजे बैठ सकता है तो इस राष्ट्र के भविष्य युवाओं के लिए क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि यदि देश के युवा अपने अधिकार की मांग करने के लिए सड़कों पर उतरते हैं और उन्हें वे अधिकार नहीं मिलते तो उनमें से कुछ नक्सली, उनमें से कुछ आतंकवादी बन जाएंगे।

22 वर्षीय हार्दिक पटेल ने कहा कि  कुछ लोग कहते हैं कि आपका आंदोलन कांग्रेस समर्थित है, कुछ लोग कहते हैं कि आपका आंदोलन भाजपा से प्रेरित है, जबकि कुछ अन्य कहते हैं कि यह आम आदमी पार्टी प्रायोजित है, लेकिन हम गैर राजनीतिक हैं। हार्दिक ने कहा कि हमने गुजरात से प्रतिनिधि चुने हैं और हमने केंद्र में प्रतिनिधि भेजे हैं, वे सिर्फ वहां कानून बनाने या संविधान संशोधन के लिए नहीं हैं। हमने आपको अपने समुदाय की सेवा करने के लिए भेजा है, हमें केवल अपने अधिकार चाहिए।

उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि उनकी मांग का सम्मान किया जाएगा या फिर वे इसे ‘छीन लेंगे।’ युवा नेता ने कहा हम गुजरात में 1.80 करोड़ हैं। हार्दिक ने कहा कि हम (पटेल-खेती करने वाला समुदाय) केवल गुजरात में ही नहीं हैं, देश में भी हमारी बड़ी मौजूदगी है।

 

एजेन्सी

 

vandna

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