लखनऊ/हाथरस। हाथरस के बहुचर्चित बूलगढ़ी मामले में पीड़ित परिवार की कथित रिश्तेदार जिसे पुलिस शनिवार सुबह लापता बता रही थी, शाम होते-होते फिर चर्चा में आ गई। मृत दलित युवती की “भाभी” करार दी जा रही डॉ. राजकुमारी बंसल का नक्सली कनेक्शन होने का आरोप है। एसआईटी जांच तेज होते ही डॉ. राजकुमारी बंसल ने मीडिया के सामने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है, “पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पीड़िता के घर गई थी।”
गौरतलब है कि कथित दुष्कर्म के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर “भाभी” ने बड़ी साजिश रची। माना जा रहा है कि “भाभी” के नक्सली कनेक्शन हैं और उसी ने इस मामले में बड़ी साजिश रची थी। एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर डॉ. राजकुमारी बंसल मीडिया के सामने एक बयान जारी किया।
उन्होंने कहा कि वह केवल आत्मीयता के तौर पर बूलगढ़ी में पीड़िता के घर गई थीं। उन्होंने आगे कहा, “इस दौरान पीड़ित परिवार को अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक दो दिन रुक जाओ। उनके अनुरोध पर मैं रुक गई। …मैं पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी। वहां जाने की जानकारी सिर्फ पति को ही दी थी।”
एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए राजकुमारी बंसल ने कहा कि किसी को भी लेकर बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है। एसआइटी की जांच पर उन्होंने कहा कि इसका पहले सबूत पेश करें।
उधर जांच टीम का दावा है कि वह महिला पीड़ित (“भाभी”) पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। पुलिस के मुताबिक, तथाकथित रिश्तेदार डॉ. राजकुमारी पीड़ित परिवारों को बरगलाते हुए देखी गई है। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर पिछले कई दिनों से यह महिला पीड़ित परिवार के यहां रह रही थी। यह महिला स्वयं को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बता रही थी।
पुलिस के मुताबिक, यह फर्जी रिश्तेदार पीड़ित परिवारीजनों को लगातार गाइड कर रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है। पुलिस के शक होते ही वह चुपचाप बूलगढ़ी से खिसक ली। कई वीडियो में भी इस महिला को देखा जा सकता है।