लखनऊ/हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस के बहुचर्चित मामले की जांच-पड़ताल जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। बूलगढ़ी गांव के इस केस के बहाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने की एक और बड़ी साजिश सामने आई है। पुलिस और एसआईटी की तफ्तीश में पता चला है कि पीड़िता के गांव में फर्जी रिश्तेदारों ने डेरा डाला हुआ था। अपने आप को रिश्तेदार बता रही एक महिला का सच सामने आया है। मृत दलित युवती के घर पर 16 सितंबर के बाद से ही सक्रिय रही यह “भाभी” अब गायब है। पुलिस को उसके नक्सली एक्टीविस्ट होने का शक है।
पुलिस का दावा है कि वह महिला पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। पुलिस के मुताबिक, तथाकथित रिश्तेदार डॉ. राजकुमारी पीड़ित परिवारों को बरगलाते हुए देखी गई है। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर पिछले कई दिनों से यह महिला पीड़ित परिवार के यहां रह रही थी। यह महिला स्वयं को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बता रही थी।
पुलिस के मुताबिक, यह फर्जी रिश्तेदार पीड़ित परिवारीजनों को लगातार गाइड कर रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है। पुलिस के शक होते ही वह चुपचाप बूलगढ़ी से खिसक ली। कई वीडियो में भी इस महिला को देखा जा सकता है।
माना जा रहा है कि इस संदिग्ध नक्सली महिला ने लड़की के परिवारीजनों को सरकार के विरोध में भड़काया। इतना ही नहीं, खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देती रही। फिलहाल अब वह सीन से गायब है और एसआइटी को उसकी सरगर्मी से तलाश है। महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।