बरेली। काम के बढ़ते बोझ, अति महत्वाकांक्षा और एक-दूसरे से आगे निकलने की आपाधापी ने हमारी जीवनशैली और खानपान के तौरतरीकों को ही बदल दिया है। ऐसे में लोग पेट भरने के लिए जो खा-पी रहे हैं वह सेहत बनाने के बजाय  बिगाड़ रहा है। खासकर, सवेरे जल्दबाजी के चलते नाश्ता या कलेवा न करने की प्रवृत्ति शरीर में ऊर्जा और पौष्टक तत्वों का संतुलन बिगाड़ रही है।

हमारे यहां कहा जाता रहा है कि सवेरे का नाश्ता राजा की तरह करना चाहिए क्योंकि यह हमें दिनभर काम करने की शक्ति देता है। अब विज्ञान ने भी इस पर मुहर लगा दी है। जो लोग जल्दबाजी के चलते अक्सर सवेरे का नाश्ता नहीं करते या आधा-अधूरा करते हैं और रात का खाना देर से खाते हैं, वे कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। चिकित्सक (Doctor) और आहार विशेषज्ञ (Diet expert) तो यहां तक कहते हैं कि लगातार ऐसी ही लाइफस्टाइल को फॉलो करने वालों की जान को भी खतरा हो सकता है। दरअसल, सही समय पर खाना न खाना और खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी शरीर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। सवेरे का नाश्ता न करना हृदय रोगों और रक्ताल्पता (Anemia) का कारण भी बन सकता है। शोध में सामने आया है कि सिर्फ खाने की अनदेखी करना ही नहीं बल्कि गलत तरीके से भोजन जारी रखने का परिणाम भी बहुत खराब हो सकता है, खासतौर से दिल के दौरे के बाद।

आहार विशेषज्ञों के अनुसार सवेरे के नाश्ते के लिए गेहूं के मोटे आटे या कई तरह के अनाज मिले आटे की रोटी, आटे का हलवा, बीन, हरी सब्जी, मिक्स वेज, मिक्स दाल, दही, छाछ, दलिया, सेब, केला, चुकंदर, सलाद,  अंकुरित अनाज, भीगे या भुने चने, बादाम, काजू, अखरोट, खजूर, छुहारा, अलसी के बीज उपयुक्त हैं। यह भी जरूरी है कि रोजाना एक जैसा नाश्ता करने के बजाय बदल-बदल कर नाश्ता करें ताकि शरीर में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहे। जहां तक हो सके नाश्ते में पूड़ी-पराठों और मैदे से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें क्योंकि ये आंत के साथ ही स्वास्थ्य को भी खराब करते हैं। यह भी ध्यान रहे कि नाश्ते में आप जो भी दुग्ध उत्पाद लें वे फैट फ्री या लो फैट होने चाहिए। वैसे, उचित यही रहेगा कि आप नाश्ते में दही या छाछ लें और दूध रात को पियें।

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