नई दिल्ली। देश में इन दिनों सर्वाधिक प्रचलित शब्द है कोरोना वायरस। 28-29 मार्च 2020 को इसके साथ एक और शब्द अनचाहे ही चिपक गया और वह है- तब्लीगी जमात। तमाम लोग यह मानते हैं कि पिछले तीन सप्ताह के दौरान दौरान देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव केस में अप्रत्याशित वृद्धि के लिए तब्लीगी जमात जिम्मेदार है जबकि कुछ लोगो इसे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई बढ़ाने की रणनीति करार देते हैं। बहरहाल, आंकड़े तब्लीगी जमात को ही कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के कुल पॉजिटिव केसों में से 29.8 प्रतिशत तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया तब्लीगी जमात से संबंधित मरीज देश के 23 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पाए गए हैं। देश में करीब 30% कोरोना मरीज सिर्फ तबलीगी जमात से संबंधित हैं। यही नहीं, कोरोना वायरस मरीजों की संख्या के लिहाज से टॉप 10 राज्यों में पांच राज्य ऐसे हैं जहां जमाती मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।

लव अग्रवाल ने बताया, ‘14,378 पॉजिटिव केस में 4,291 केस यानी करीब 29 प्रतिशथ निजामुद्दीन मरकज से संबंधित पाए गए हैं। 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मरकज से संबंधित मरीज मिले हैं। खासकर तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में मरकज से जुड़े  मरीज ज्यादा पाए गए हैं और ये राज्य कोरोना वायरस मरीजों की तुलना में टॉप 10 राज्यों में शुमार हो गए।

असम में 91 प्रतिशत मरीज सिर्फ तब्लीगी जमात के

कुछ आंकड़े वाकई हैरानी में डालने वाले  हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि कुछ राज्यों में अकेले तब्लीगी जमात से संबंधित मरीज 91 प्रतिशत तक पाए गए हैं। असम में 35 में से 32 केस यानी 91 प्रतिशत जबकि अंडमान निकोबार में 12 में से 10 यानी 81 प्रतिशथ केस जमात से हैं।

टॉप 10 राज्यों में शुमार पांच राज्यों की बात की जाए तो तमिलनाडु में 84%, दिल्ली में 63%, तेलंगाना में 79%, उत्तर प्रदेश में 59% और आंध्र प्रदेश में 61% केस जमात से संबंधित हैं। अरुणाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जिसका नाम एक तब्लीगी जमाती की वजह से ही कोरोना प्रभावित राज्य में शामिल हो गया है।

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के 1,992 मरीज ठीक हो चुके हैं। यानी, करीब 13.85 प्रतिशत मरीज ठीक हो रहे हैं। एक दिन में 991 नए मरीज सामने आए हैं। अब देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,378 हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 43 मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ ही अब तक 480 मरीज दम तोड़ चुके हैं।

कोरोना वायरस से 75 साल के ऊपर लोगों की सबसे ज्यादा मौतें

लव अग्रवाल ने बताया कि हमारे देश में कोरोना से मृत्य दर लगभग 3.3 प्रतिशत है। आयु वार विश्लेषण करके बताया जाए तो 0-45 साल के लोगों में 14.4 प्रतिशत की मृत्यु हुई हैं। 45-60 साल के लोगों के बीच 10.3 फीसद मृत्यु हुई है। 60-75 साल के लोगों के बीच 33.1 प्रतिशथ मृत्यु हुई है। कोरोना वायरस  से सबसे ज्यादा मौतें 75 साल के ऊपर लोगों में हुई जो कि 42.2 प्रतिशत है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो बताया

-कुल 1992 कोरोना संक्रमित मरीज अबतक ठीक हो चुके हैंं। 

-24 घंटे में 991 मामले सामने आए हैं।

-पिछले 24 घंटे में 43 लोगों की मौत। 

-12 राज्यों में 22 जिलों से कोई केस सामने नहीं आया है। 

-तीन नए जिलों में कोरोना के मामले मिले हैं।

-75 प्रतिशत मौत बुजुर्गों की, 45-60 आयु वर्ग में 10.3 फीसदी मौत, 0-45 आयु वर्ग में 14 फीसदी मौत।  

-60-75 आयु वर्ग में मौत 33.1 फीसदी मौत, 75 से अधिक आयु वर्ग में 42.2 प्रतिशत मौत।

-कोरोना वायरस से देश में मौत की दर 3.3 फीसदी।

-दिल्ली में तब्लीगी जमात से जुड़े हैं 63 प्रतिशतकेस। दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में जमात के ज्यादा केस।

-देश में 29.8 प्रतिशत केस तब्लीगी जमात से जुड़े हुए। 

-23 राज्यों में निजामुद्दीन मरकज से जुड़े लोग संक्रमित हैं। 

-आईएसीएमआर ने नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया। 

-बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को आपातकालीन सेवाएं दी जा रही हैं। 

-रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट हॉटस्पॉट इलाकों में ही कराए जाएं। 

-सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। कोरोना से लड़ाई सरकार और लोगों को साथ मिलकर लड़नी होगी। इसमें सभी का सहयोग चाहिए। हम इस लड़ाई को जीतकर दुनिया के सामने एक उदाहरण रखें।