नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी है, ऐसे में दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकार से वह सवाल पूछा जो आज न केवल हर मां-बाप के मन में है बल्कि उन्हें डरा भी रहा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, ऐसे में अगर बच्चे संक्रमिक होते है तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे? क्या प्लान है?
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे नहीं कि केंद्र की गलती है, हम चाहते हैं कि वैज्ञानिक और नियोजित ढंग से तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जाए। टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए भी सोचा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि देशभर में ऑक्सीजन सप्लाई पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही कहा कि ऑक्सीजन का ऑडिट करवाने और इसके अलॉटमेंट के तरीके पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरककरा का पक्ष रखते हुए कहा कि 4 मई को दिल्ली के 56 प्रमुख अस्पतालों में किए गए सर्वे में यह सामने आया कि वहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) का काफी स्टॉक है। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई की मांग कर रहे हैं। अगर दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देंगे तो दूसरे राज्यों की सप्लाई में कटौती करनी होगी। इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आज से सोमवार के बीच क्या होगा? आपको ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ानी चाहिए। दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देनी ही चाहिए। इस वक्त हेल्थ प्रोफेशनल पूरी तरह थक चुके हैं। आप बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे सुनिश्चित करेंगे?
शीर्ष अदालत ने कहा कि घर पर इलाज करा रहे लोगों को भी ऑक्सीजन की जरूरत है। ऑक्सीजन की जरूरत आंकने का फॉर्मूला गलत है। फिर भी यह सच है कि हमें पूरे देश के लिए सोचना है। आज अगर हम तैयारी करेंगे तो कोविड का तीसरा फेज आने पर बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।
हमें इलेक्ट्रॉनिक आईसीयू (ICU) पर भी विचार करना चाहिए। देश में एक लाख डॉक्टर और 2.5 लाख नर्स खाली बैठे हैं। कोरोना की तीसरी लहर में वे अहम भूमिका निभा सकते हैं। एक लाख डॉक्टर NEET परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। आपके पास उनके लिए क्या प्लान है? हमें कोरोना की आने वाली लहर के बारे में सोच कर चलना चाहिए। अगर आप पॉलिसी बनाते वक्त गलती करेंगे तो आप ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
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