देहरादून : शुक्रवार की रात हुई मूसलधार बारिश ने उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। देहरादून के मालदेवता सरखेत इलाके में शनिवार तड़के बादल फटने से तबाही मच गई। जिला प्रशासन ने पांच लोगों के लापता होने की पुष्टि की है जबकि तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हैं। इसके अलावा कीर्तिनगर क्षेत्र के ग्राम कोठार में आज सुबह एक विशाल आवासीय भवन भूस्खलन होने से मलबे में दब गया। यहां एक वृद्धा के मलबे में दबे होने की खबर है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान राज्य के देहरादून, चमोली और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में अत्यधिक पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस गया। यहां अधा दर्जन से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त होने की खबर है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद तमसा नदी उफान पर है। मंदिर के भीतर पानी घुस गया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दिगंबर भरत गिरि ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान न हो। सौंग नदी पर बना पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। भारी बारिश से सोंग, जाखन और सुसवा नदी पूरे उफान पर आ गई हैं। नदी किनारे रहने वालों को दूसरे स्थान पर भेजने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। राजीव नगर केशव पुरी सॉन्ग नदी से नदी का पानी आबादी तक पहुंच रहा है। हालांकि अभी कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है। सुसवा नदी के तेज बहाव से भूमि का कटाव भी हो रहा है।
मालदेवता सरखेत में आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंच गई है । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। समाचार लिखे जाने तक घटनास्थल पर आपदा बचाव का कार्य जोर-शोर से जारी था। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने भी जिला प्रशासन से घटनाक्रम की जानकारी ली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ की टीमें और प्रशासन के अन्य अधिकारी उन इलाकों में पहुंच गए हैं जहां रातभर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। वे भी मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान का निरीक्षण करने की कोशिश कर रहे हैं।
पूरे राज्य में पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश का सिलसिला जारी है। कुमाऊं के खटीमा में सबसे अधिक 152 मिमी और देहरादून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड सहित जगह-जगह मलबा बोल्डर आने से बंद हो गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तीन धारा के पास भी बड़ा पत्थर आने से बंद हो गया है। नरेंद्रनगर के समीप भी ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे यातायात के लिए बाधित हो गया है। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है।