नई दिल्ली। हिजबुल मुजाहिद्दीन के कश्मीर कमांडर रियाज नायकू का मारा जाना कश्मीर में आतंकवाद के सफाये की दिशा में बड़ी सफलता होते हुए भी वास्तव में आतंकवाद के खात्मे की राह का एक पड़ाव भर है। पड़ोसी देश में बैठे भारत में दुश्मन आतंकवाद को लगातार खाद-पानी देते रहते हैं ताकि खून-खराबा यूं ही चलता रहे। यही कारण है कि उन्होंने रियाक नायकू के मारे जाने के बाद सेफुल्ला को कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का नया कमांडर बनाया है। हिजबुल के इस नए कमांडर के साथ ही हिजबुल के 3 आतंकी सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं। अब जिन 10 आतंकवादियों के सफाए का टारगेट है उनमें 4 हिजबुल और  3 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब जो आतंकवादी निशाने पर हैं उनमें पहले नंबर पर सेफुल्ला है। आतंकी संगठन में इसका कोड नेम गाजी हैदर है। सेफुल्ला 8 अक्टूबर 2014 को हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था। हिजबुल का जो दूसरा आतंकी हिट लिस्ट में है उसका नाम मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी हैं जो 9 सितंबर 2016 से हिजुबल के साथ है। हिजबुल को दो और आतंकवादियों को भी सुरक्षाबल खोज रहे हैं जिनके नाम जुनैद सहराई और अब्बास शेख बताए गए हैं।

 जैश-ए-मोहम्मद का खूंखार आतंकी जाहिद जरगार भी सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में है। वह 2014 में जैश में शामिल हुआ था। वर्ष 2015 में आतंकवाद के दलदल में कूदने वाला फैजल और सलीम पारे भी इस लिस्ट में हैं। लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी शकूर 2015 से एक्टिव है। शकूर के साथ ही लश्कर का एक आतंकी ओेवेस मलिक भी हिट लिस्ट में है। इसके अलावा 2016 से कशामीर घाटी में सक्रिय आतंकी शेहराज अल लोन भी सुरक्षा बलों के निशाने पर है।

 सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों यह लिस्ट हिजबुल मुजाहिद्दीन के 35 वर्षीय स्थानीय कमांडर रियाज अहमद नायकू के दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद जारी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के एक साल बाद शोपियां में उसके उत्तराधिकारी यासीन इटू उर्फ ​​महमूद गजनवी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, जिसके बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर रियाज नायकू को बनाया गया था।

आतंकी संगठनों के बीच वर्चस्व की जंग

घाटी में सुरक्षा बल लगातार आतंकियों पर शिकंजा कस ही रहे हैं, आतंकी संगठनों के बीच भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इसका फायदा सुरक्षा बलों को मिल सकता है। कुछ समय पहले ही घाटी में नया आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) सामने आया है। सुरक्षा बलों का मानना है कि टीआरएफ पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही फ्रंट हैं। टीआरएफ और हिजबुल के बीच खींचातानी दिख रही है। टीआरएफ बयान जारी कर हिजुबल को धमका भी चुका है। रियाज नायकू के साथ जो आतंकी मारा गया उसकी आखिरी ऑडियो क्लिप भी सामने आई जिसमें वह टीआरएफ पर आरोप लगा रहा है कि टीआरएफ ने ही उनके बारे में सूचना दी।

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