रामेश्वरम (तमिलनाडु)। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के कल अंतिम संस्कार से पहले उनकी आखिरी झलक पाने के लिए लोगों का विशाल हुजूम उमड़ पड़ा, जिसमें खासकर स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल थे। ‘मिसाइल मैन’ का पार्थिव शरीर रामेश्वरम में आज लाया गया और उनके पार्थिव शरीर को यहां से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर मंडपम के पास पकारम्बू में दफनाया जाएगा।
एक साधारण परिवार से ‘राष्ट्रपति’ तक के देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने के उनके सफर को याद करते हुए भीड़ में मौजूद कई लोगों ने बताया कि किस तरह से उन्होंने (कलाम ने) उन्हें बड़े सपने देखने और उसे हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
फिलहाल चेन्नई में एक आईटी कंपनी में कार्यरत दीपक ने कहा, ‘कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मिली नाकामयाबी के बाद पूर्व राष्ट्रपति के सकारात्मक रवैए और उनके शब्दों ने मुझे प्रेरित किया और जीवन को सकारात्मक नजरिए से देखने तथा उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।’ रामेश्वरम तक बड़ी लाइन की ट्रेन सेवा लाने, वनरोपण और सुदूर इलाकों में सौर उर्जा उपलब्ध कराने के उनके प्रयासों को भी लोगों ने याद किया।
लोगों ने यह याद करते हुए कहा कि किस तरह से कलाम ने उन्हें स्कूल और कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई की सलाह दी और देश के वैज्ञानिक विकास के लिए योगदान दिया। पूर्व राष्ट्रपति का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राज्य मंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। वह अंतिम संस्कार के वक्त मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री जयललिता की ओर से नियुक्त सात मंत्रियों के दल का हिस्सा हैं। जयललिता ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगी।