लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित छोटे और बड़े इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक अब शॉर्ट्स और अशोभनीय वस्त्र पहनकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। लखनऊ जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के सुझाव पर तय किया है कि इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक गरिमापूर्ण कपड़े पहनकर ही प्रवेश करेंगे। हुसैनाबाद ट्रस्ट की बैठक में जिलाधिकारी की ओर से निर्देश दिए गए कि इमामबाड़े में शालीन कपड़े पहनकर कर ही प्रवेश मिल सकेगा। शॉर्ट्स या स्कर्ट पहने होने पर महिलाओं को इमामबाड़े या छोटे इमामबाड़े में प्रवेश नहीं मिलेगा।

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि  इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सिक्यॉरिटी गार्डों को सौंपी जाएगी और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। गौरतलब है कि हुसौनाबाद ट्रस्ट ने तीन वर्ष पहले इमामबाड़े में प्रवेश को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे लेकिन उस समय प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। इसका काफी विरोध हुआ था। महिलाओं के सिर पर दुपट्टा, परिसर के बाहर चप्पल-जूते उतरवाना, कैमरों को जमा करवाना जैसे मुद्दों पर काफी विवाद हो चुका है।

बड़ा इमामबाड़ा परिसर में होने वाले फोटोशूट और फिल्‍मों की शूटिंग को “अपवित्र” बताते हुए सैयद मोहम्मद हैदर ने प्रधानमंत्री,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और संस्‍कृति मंत्री, पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों, जिला प्रशासन और पुलिस से तुरंत हस्‍तक्षेप करने की मांग की थी। सैयद मोहम्‍मद हैदर का कहना है कि इमामबाड़ा परिसर में अशोभनीय कपड़े, फोटोशूट और अश्‍लील हरकतों की वजह से शिया समुदाय और धरोहर से प्रेम रखने वाले लोगों में असंतोष फैल रहा है। पत्र में  इमामबाड़े में असाफी मस्जिद के होने का भी जिक्र भी किया गया था।

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