नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ की, इस बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पर केंद्रित रहा। ये परीक्षाएं नौ मार्च को शुरू होंगी। उसके एक दिन पहले ही आखिरी चरण का मतदान है। प्रधानमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों की तैयारी से जुड़े मसले पर भी अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि छात्र और माता-पिता भी परीक्षा को लेकर परेशान रहते हैं। हमें परीक्षाओं के दौरान उत्सवपूर्ण माहौल बनाना चाहिए, इससे बोझपूर्ण माहौल नहीं बनता।
बता दे कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का अगला एपिसोड रविवार को प्रसारित करने की मंजूरी इस शर्त पर दी है कि इसमें ऐसा कुछ नहीं कहा जाएगा जिससे उन पांच राज्यों के वोटर प्रभावित हों जहां आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ की मुख्य बातें-
-उन्होंने देशवासियों को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं दीं
-यह ऋतुओं का राजा है, जोकि वीरों के लिए प्रेरणा का काम करता है
-प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 फरवरी को ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो रही है
-न लगे ध्यान मत दीजिए वरना यह भी तनाव का कारण बन जाएगी
-प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको अच्छा लगे, तो मेरी सलाह पर ध्यान दें
-स्वयं का उदाहरण देते हुए पीएम ने कहा कि पूरी नींद लेने से मेरा गला नहीं बैठता
-शरीर को जितनी आवश्यकता है उतनी नींद लीजिए
-खुले में गहरी सांस लेने से भी ध्यान लगाकर पढ़ाने में मदद मिलती है
-परीक्षा के लिए तीन चीजें बहुत जरूरी हैं। नींद, आराम और शारीरिक व्यायाम
-प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए किताबों से बाहर भी मौके हैं
-नकल आपको पीछे की ओर ले जाती है
-बच्चों को नकल न करने की सलाह दी और कहा कि नकल आपको बुरा बनाती है
-घर में हल्का फुल्का माहौल रखें, परीक्षा के दिनों में बच्चों को ना डराएं
-खुद से प्रतिस्पर्धा ही आत्मविश्वास पैदा करती है
-ज्यादातर सफल खिलाड़ियों की विशेषताओं है कि वे अपने ही रिकॉर्ड्स को सुधारते हैं
-जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अनुस्पर्धा काम आती है
-प्रतिस्पर्धा एक मनोवैज्ञानिक लड़ाई है
-अंक के पीछे पड़ गए तो आप शॉर्ट कट ढूंढ़ने लगते हैं
-आत्मविश्वास, संकल्पशक्ति, स्किल और नॉलेज जीवन में काम आता है
-मार्क्स और मार्कशीट का जीवन में बहुत सीमित उपयोग है
-आप निराश न हो – ए हैप्पी माइंड इज ए सीक्रेट ऑफ ए गुड मार्कशीट
-परीक्षा का जीवन की सफलता-असफलता से कोई लेना देना नहीं
-परिवार भी बच्चों का साथ दें, उन्हें रिलैक्स रखें, इससे मेमोरी वापस आती है
-प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्माइल मोर, स्कोर मोर
-छात्र परीक्षाओं को उत्सव की तरह लें और तनाव में नहीं आएं
-दूसरों से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें
-अभिभावक बच्चों की क्षमताओं को समझें
-परीक्षा को प्लेजर समझिए प्रेशर नहीं
-परीक्षा को त्योहार की तरह मनाइए
-अंको पर नहीं बल्कि काबिलियत पर ध्यान दें
-नकल की आदत लगी तो कुछ सीखने का मन नहीं होगा
-विकास के लिए किताबों की तरह ना जिएं
-परीक्षा को जीवन मरण का प्रश्न ना बनायें
-रिलैक्स रहना याददाश्त की सबसे अच्छी दवा
-तनाम महसूस करें तो गहरी सांस लें
-मेरी बातें लगें तो उन्हें भी ना मानें
-खुद पर विश्वास रखें नकल ना करें
-परीक्षा के दिनों में अभिभावकों की भूमिका बहुत अहम
-बच्चे का नहीं पूरे परिवार के लिए परीक्षा का माहौल बन जाता है।
-मोदी ने कहा कि इस वक्त परीक्षा का माहौल है, एक अजीब सा माहौल बना हुआ है
-मोदी ने कहा कल 30 जनवरी को सभी लोग 11 बजे दो मिनट का मौन रखकर बापू को श्रद्धांजलि दें।
-पीएम ने शहीद और बहादुर जवानों के परिवारों को बधाई दी है।
-पीएम ने युवाओं से अपील की कि वो बहादुर जवानों के बारे में पढ़कर उनके बहादुरी के बारे में सब को बताएं।
-मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन में शहीद हुए जवानों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त 28वीं बार मन की बात कर रहे हैं मोदी ने शुरुआत में गणतंत्र दिवस की बात की।