MP: भोपाल से 400 किलोमीटर दूर स्थित नीमच में रहने वाले एक दम्पति ने संन्यासी बनने के लिए अपनी तीन वर्षीय बच्ची और 100 करोड़ की संपत्ति छोड़ दी। दम्पति के इस फैसले से आसपास के लोग आचंभित हो गए हैं।लोग दोनों के इस फैसले पर चर्चा कर रहे हैं।कि राजनीति और व्यापार में इतना सफल होने के बाद भी 35 साल के सुमित राठौड़ और उनकी पत्नी 24 वर्षीय अनामिका ने कैसे संन्यासी बनने का फैसला ले लिया।
सुमित राठौड़ और उनकी पत्नी अनामिका 23 सितंबर को गुजरात के सूरत में दीक्षा लेंगे। दोनों को आचार्य रामलाल महराज दीक्षा दिलाएंगे।
अनामिका के पिता आशोक ने बताया कि बेटी और दामाद के संन्यासी बन जाने के बाद पोती की जिम्मेदारी वे उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘कोई भी अपना धार्मिक फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है और उसे रोका नहीं जा सकता है। वहीं, सुमित के व्यापारी पिता राजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि हमें ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह संन्यासी बन जाएगा लेकिन इतना जल्दी होगा, ऐसा नहीं सोचा था।’
बता दें कि सुमित और अनामिका ने संन्यासी बनने का फैसला उसी समय ले लिया था जब उनकी बेटी आठ महीने की थी। दोनों एक दूसरे से अलग अलग भी रहने लगे थे।