मस्कट। अपने खाड़ी देशों के दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की शाम ओमान पहुंच गये। राजधानी मस्कट में प्रधानमंत्री का राजकीय सम्मान किया गया। एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री सीधे होटल गए. वहां उनके स्वागत मे बड़ी संख्या में भारतीय मौजूद थे। पीएम ने वहां लोगों से मिले और उनका अभिनंदन स्वीकार किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने यहां के सुल्तान कबूस स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स में प्रधानमंत्री ने 34 हजार भारतीयों से सीधा संवाद किया। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले मंच पर कलाकारों ने भारतीय नृत्य और संगीत की प्रस्तुति की। प्रधानमंत्री के कॉम्प्लेक्स में पहुंचने पर वहां मौजूद भारतीयों ने भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लगाये।
गूंजे वंदे मातरम् के नारे
प्रधानमंत्री ने कई भाषाओं में वहां मौजूद लोगों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि ये हमारे देश की इतनी बड़ी शक्ति है कि अगर मैं सिर्फ नमस्कार अलग-अलग भाषाओं और बोलियों में करने लगूं तो घंटों बीत जाएंगे। यह विविधता और किसी देश में देखने को नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री का संबोधन शुरू होते ही पूरा माहौल वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। उन्होंने कहा आज दुनिया भारत को सम्मान दे रही है। ये सम्मान उनका नहीं भारत की तरक्की और भारतीयों का सम्मान है।
खाड़ी देशों के संबंध में नई ऊर्जा
भारत और ओमान के बीच संबंध सैकड़ों-हजारों साल पुराने हैं. 5 हजार साल पहले भी गुजरात से लकड़ी के जहाज ओमान आते थे। हजारों वर्षों में व्यवस्थाएं बदल गईं. भारत में गुलामी का कालखंड आया, लेकिन दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध यथावत बने रहे। उन्होंने कहा कि ओमान के विकास में भारत के राष्ट्रदूत यानी भारतवंशियों की भागीदारी रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से एक राजदूत होता है, लेकिन देश की तरफ से लाखों राष्ट्रदूत यहां बैठे हैं। हम एक नीति बनाकर खाड़ी देशों के साथ दोस्ती के रिश्तों को एक नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। भारत की बढ़ती हुई प्रगति और साख के साथ-साथ खाड़ी देशों की भारत में रूचि लगातार बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे दूध में शक्कर घुल कर उसे मीठा कर देती है, ये गुण हम भारतीयों में भी हैं। ये हमारे संस्कार में है कि पूरी दुनिया को हम अपना परिवार मानते हैं और समय के अनुसार खुद को ढाल कर सभी की परंपराओं का आदर करते हैं। यही वजह है कि दुनिया का नक्शा भले ही बदल गया हो, बड़े-बड़े देश ध्वस्त हो गए हों, लेकिन भारत आज भी तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है।
न्यू इंडिया के संकल्प में जुटा हर भारतीय
रास्ता कितना भी कठिन हो, हालात कितने भी मुश्किल हों, हम वो लोग हैं जिन्हें संकटों से निकलना आता है। आशा और उमंग के साथ बाहर निकलना हमारी रगों में है। आज हर भारतीय न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ है। हम ऐसे भारत के निर्माण की ओर बढ़ रहे है, जहां गरीब से गरीब व्यक्ति भी आगे बढ़ने का सपना देख सके और उन्हें साकार कर सके।
मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस
मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस की दिशा में काम कर रहे हैं। अनावश्यक कानूनों के खत्म करना, काम के बोझ को कम करना, लोगों की शिकायत को गंभीरता से सुना जाना और उन पर कार्रवाई करना जैसी बातों को सरकार के कल्चर में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि वही अधिकारी है, वही बाबू है और वही दफ्तर है, लेकिन नतीजे बदले हुए आ रहे हैं।
खत्म किए 1450 कानून
उन्होंने कहा कि पहले सरकारें घोषणाएं करती रहती थी कि हमने ये कानून बनाया, ये योजना शुरू की, लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद करीब 1450 कानून खत्म किए हैं। सामान्य नागरिक पर इन कानूनों का एक बोझ था। इस बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए बेकार के कानूनों को खत्म किया है।
आयुष्मान भारत योजना
इस बार के बजट से दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। बजट में आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 10 करोड़ गरीब परीवारों यानी 40-50 करोड़ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। हिंदुस्तान के अखबारों में उसे नया नाम दिया, इस योजना को मोदीकेयर के रूप में पेश किया गया। हमारे विरोध करने वाले भी इस योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, अब वे कहते हैं कि योजना तो अच्छी है, लेकिन करोगो कैसे? उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो एकबार ठान ले उसे करके ही दम लेता है।
हवाई चप्पल वाला भी हवाई सफर करे
70 साल की यात्रा में 450 हवाई जहाज आए और पिछले एक साल में 900 जहाज खरीदने के सौदे हुए हैं। हवाई चप्पल पहने वाला भी हवाई सफर करे, यह उनकी सरकार का सपना है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 53000 किलोमीटर हाईवे बनाने का काम शुरू किया। 11 शहरों में मेट्रो रेल पर काम चल रहा है। समुद्र तटों को विकसित करने के लिए सागरमाला योजना शुरू की है। मछुआरों को आधुनिक वोट खरीदने के लिए मदद की जा रही है।