नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी के बीच एक और बड़ी खबर आई है। पिछले सप्ताह पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर भारत और चीन के सैनिकों की ओर से ताबड़तोड़ हवाई फायरिंग की गई थी और यह चुशूल सेक्टर में हुई फायरिंग से ज्यादा गंभीर थी। एक अधिकारी के अनुसार, झील के उत्तरी छोर पर दोनों तरफ से 100 से 200 राउंड हवाई फायर हुए थे। यह घटना तब हुई जब भारतीय सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ऊंचाई वाले जगह पर अपना नियंत्रण कर लिया था। दो बड़े अंग्रेजी अखबारों ने इसका खुलासा किया है।

दरअसल, 29-30 अगस्त की रात के बाद से एलएसी पर गोलियां चलाई जाने की यह तीसरी घटना थी। चीन के साथ मौजूदा सीमा टकराव ने 45 सालों में पहली बार एलएसी पर गोलियों की बौछार देखी है। इस तरह से यह पिछले 45 सालों में पहली बार हुआ है, जब एलएसी पर फायरिंग हुई है। यह घटना विदेश मंत्री एस जयशंकर की 10 सितंबर को मॉस्को में उनके चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के कुछ दिन पहले हुई थी। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने लद्दाख में जारी तनाव को कम करने और शांति बहाल करने के उपायों को लेकर समझौता किया था।

अधिकारियों ने कहा कि हवाई फायरिंग की यह घटना फिंगर्स 3 और 4 के मिलान बिंदु पर सिरिजाप रेंज में हुई। झील के उत्तरी और दक्षिणी तट भारत और चीन के बीच मौजूदा सीमा गतिरोध के केंद्र में हैं और चार फ्रिक्शन इलाकों में दोनों सेनाएं फॉरवर्ड पोजिशन पर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि सितंबर के पहले हफ्ते में पेंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर काफी गतिविधियां हुई थीं। कई बार फायरिंग भी हुई। तनाव अभी बरकरार है। चुशूल सेक्टर में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। इस बीच दोनों देशों की सेना के अधिकारियों के बीच फिर से बातचीत होनी है।

पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भी गोलीबारी हुई थी। भारतीय सेना ने पिछले सप्ताह कहा था कि चीनी सैनिकों ने 7 सितंबर को अपने सैनिकों को दक्षिणी तट पर रेजांग ला के पास मुखपारी चोटी पर ऊंचाई वाली जगह पर कब्जा करने के इरादे से अपने सैनिकों को उकसाने और भारतीय सेना को डराने लिए फायरिंग की थी। हालांकि, चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय जवानों की मौजूदगी की ओर बढ़कर यथास्थिति को बदलने की कोशिश और नापाक इरादों को भारत ने नाकाम कर दिया था।

राजनाथ सिंह ने कहा था- एलएसी पर टकराव के अन्क बिंदु हैं

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं। हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। 

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