नयी दिल्ली, 12 दिसंबर। देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए 12 अरब डालर का करार, असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग के लिए आपसी सहमति पत्र और रक्षा तकनीक में साझेदारी समेत भारत और जापान ने आज कई महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति की मोहर लगायी और इसके साथ ही अपने विशेष रणनीतिक तथा वैश्विक भागीदारी संबंधों को एक नयी उंचाई प्रदान की ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच वार्ताओं के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए । दोनों नेताओं ने अपनी वार्ताओं में साउथ चाइना सी, आतंकवाद की चुनौतियों तथा संयुक्त राष्ट्र सुधार समेत अन्य वैश्विक मुद्दों पर गौर करने के साथ ही आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
आबे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ भारत के आर्थिक सपनों को आकार देने में जापान से अधिक बड़ा मित्र कोई नहीं है । ’’ उन्होंने आबे को एक ‘‘निजी दोस्त और भारत. जापान साझेदारी का महान पैरोकार ’’बताया।
मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को अपना समर्थन जाहिर करते हुए जापान ने करीब 12 अरब डालर का एक कोष सृजित किया है जो जापानी कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिए दिया जाएगा। जापान ने भारत के लिए एक ओवरसीज डेवलपमेंट असिस्टेंस के तहत पांच अरब डालर की भी प्रतिबद्धता जतायी है ।
मोदी और आबे के बीच वार्ताओं के बाद दोनों देशों ने असैन्य परमाणु उर्जा में सहयोग के लिए एक व्यापक आधार वाले आपसी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसके अंतिम करार पर हस्ताक्षर तकनीकी और कानूनी मुद्दों का समाधान किए जाने के बाद किया जाएगा।