नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले जम्मू के नगरोटा में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान से आये जिन चार आतंकवादियों को मार  गिराया था, वे जिस सुरंग से होकर भारत में दाखिल हुए थे, उसका पता लगाने के लिए भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान के भीतर 200 मीटर तक घुसे थे। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, “सुरक्षा बल पाकिस्तान में करीब 200 मीटर तक गए जहां से सुरंग की शुरुआत हो रही थी। पिछले दिनों मारे गए आतंकवादी इसी सुरंग से घुसे थे।”

जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में बीते 22 नवंबर को सुरक्षा बलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इस सुरंग का पता लगाया था। सुरक्षा बलों के मुताबिक, नगरोटा में मारे गए आतंकियों ने घुसपैठ के लिए इसी सुरंग का इस्तेमाल किया था। नवंबर के तीसरे हफ्ते में सुरक्षा बलों को मारे गए आतंकवादियों के पास से जो मोबाइल फोन मिले थे, उन्हीं से सुरंग के बारे में सुराग मिला था।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ, BSF) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने मंगलवार को ऑपरेशन के बारे में कहा, “मारे गए आतंकियों के पास से मिले मोबाइल फोन्स के विश्लेषण के बाद बीएसएफ ने 22 नवंबर को सांबा सेक्टर में बनी उस सुरंग का पता लगाया था जिससे आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी।”

बीएसएफ के स्थापना दिवस पर अस्थाना ने अपने भाषण के दौरान यह जानकार दी। हालांकि, उन्होंने ऑपरेशन के बारे में कुछ नहीं बताया। सुरंग के बारे में बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में पता चला था।

बीएसएफ के आईजी (जम्मू फ्रंटियर) एनएस जामवाल ने बताया, “ऐसा लगता है कि नगरोटा एनकाउंटर में शामिल आतंकवादियों ने सुरंग का इस्तेमाल किया था क्योंकि यह नई-नई बनी थी। हमें लगता है कि उनके साथ कोई गाइड भी था जो उन्हें हाईवे तक ले गया।” सुरंग घनी झाड़ियों में खुली थी और उसे बहुत ही करीने से मिट्टी और झाड़ियों के जरिए छिपाया गया था। सुरंग के मुंह को पक्का बनाया गया था और वहां मिली बोरियों में कराची, पाकिस्तान लिखा हुआ था। यह सुरंग नई-नई खोदी गई थी और ऐसा लग रहा है कि यह पहली बार इस्तेमाल की गई थी।

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