नई दिल्ली। (India’s first corona virus vaccine) भारत में पहली बार कोरान वायरस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू हो गया है। वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर यह ट्रायल शुरू कर दिया है। यह पहले चरण का ट्रायल है। इसमें देशभर में 14 जगहों के अलग-अलग 1500 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया है। इस चरण को “सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग” नाम दिया गया है। इस ट्रायल में जांचा जाएगा कि वैक्सीन से संक्रमण का कोई खतरा तो नहीं है तथा लिवर और कोरोना वायरस पर इसका क्या असर पड़ रहा है। भारत बायोटेक ने 29 जून को जारी अपने बयान में कहा था कि ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की तरफ से अनुमति मिल चुकी है। जाएडेस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन भी तेजी से विकसित की जा रही है।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को यह दावा किया कि भारत कोरोना वायरस वैक्सीन की दौड़ में दुनिया में आगे के पायदान पर ही चल रहा है। डॉ. भार्गव ने यह भी कहा कि वैक्सीन दुनिया का कोई भी देश बना ले, उसके उत्पादन के लिए भारत पर निर्भर रहना ही होगा। वैक्सीन की उत्पादन क्षमता के मामले में भारत और चीन ही इतने सक्षम हैं कि बड़े पैमाने पर कम समय में ज्यादा वैक्सीन बना सकें दुनिया के एक बड़े हिस्से में इस्तेमाल होने वाली 60 प्रतिशत वैक्सीन भारत में ही बनकर जाती हैं।
आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहले ट्रायल में वैक्सीन की कम डोज का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रायल के लिए एक नया प्रोटोकॉल जोड़ा गया है। अब इसमें शामिल होने वाले वॉलंटियर्स का एंटीबॉडी टेस्ट भी होगा। इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलंटियर्स को भविष्य में कोरोना वायरस का संक्रमण होगा या नहीं। अगर ऐसा होता है तो इन्हें आगे होने वाले ट्रायल में शामिल नहीं किया जाएगा।
वैक्सीन के इंसानों में होने वाले इस ट्रायल में देशभर के 14 शहरों से 1500 वॉलंटियर्स शामिल होंगे। इन शहरों में नई दिल्ली, चेन्नई, पटना, कानपुर, गोआ, गोरखपुर, भुवनेश्वर, रोहतक, विशाखापट्नम और हैदराबाद शामिल हैं। सभी 14 शहरों के लिए किट जारी कर दी गई हैं। सैम्पल इकट्ठा करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वैक्सीन का एक ट्रायल पटना एम्स में होगा। इसके लिए 18 से 50 साल के 10 लोगों को शामिल किया गया है। पहले इनका मेडिकल चेकअप होगा। आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक, रिपोर्ट सही मिलने पर वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा। पहला डोज देने के बाद डॉक्टरों की टीम 2-3 घंटे तक मरीज पर नजर रखेगी, उसके बाद ही घर जाने को कहा जाएगा। वॉलंटियर को वैक्सीन का दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाएगा।
पिछले दिनों बताया गया था कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने दिग्गज फार्मा कंपनी जाएडेस कैडिला और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआइएल) को वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दे दी है जिन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल के लिए आइसीएमआर के साथ भागीदारी की है।
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