नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। दिल्ली मे हुई हिंसा में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक और आप के एक मौजूदा विधायक के नाम आए हैं। अब कांग्रेस को अपने एक बड़े नेता की वजह से फिर शर्मसार होना पड़ रहा है। ये नेता हैं ओडिशा में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रदीप मांझी। एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपने कार्यकर्ताओं को पेट्रोल और डीजल से सरकारी संपत्तियों को जलाने का फरमान दे रहे हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
इस वीडियो में प्रदीप मांझी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आदेश देते हुए कह रहे हैं, “पेट्रोल-डीजल को तैयार रखो और निर्देश मिलते ही सबकुछ जला देना।” यह बयान उन्होंने ओडिशा के नबारंगपुर में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने के विरोध में बुलाई गए 12 घंटे की हड़ताल के दौरान कहीं। हड़ताल के बाद आग लगाने का निर्देश देते हुए वह कैमरे में कैद हो गए हैं। उन्होंने कहा, “जिस क्षण आपको निर्देश मिले सब कुछ में आग लगा देना। आगे जो होगा उसे हम देख लेंगे।” इसके बाद आंबेडक चौक पर एक कार में आग लगा दी गई। हालांकि, यह कार लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं थी।
दरअसल, कांग्रेस ने बीते 14 दिसंबर को नाबालिग लड़की के दुष्कर्म और हत्या मामले में पुलिस के कार्रवाई न करने के विरोध में प्रदर्शन किया था। मीडिया से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा, “हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नीति को अपनाना होगा जब सरकार इस आदिवासी बहुल जिले में मासूम बच्चियों के दुष्कर्म और हत्या मामले पर कार्रवाई नहीं करती।”
नबरंगपुर के पुलिस अधीक्षक कुसालकर नितिन ने बताया कि मांझी के खिलाफ हिंसा भड़काने का केस दर्ज करके जांच की जा रही है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मांझी ने माना कि उन्होंने अपने समर्थकों से सबकुछ जला देने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि बीजेडी की सरकार में महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और ऐसी स्थिति वह चुप नहीं रह सकते। प्रजातंत्र से उनका भरोसा उठ गया है।