नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की ताकत में अब और इजाफा हो गया है। भारतीय नौसेना में गुप्त तरीके से नई स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को शामिल कर लिया गया है। आईएनएस अरिहंत देश में निर्मित पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन है और इसे नेवी में शामिल कर लिया है। बता दें कि इस सबमरीन को इसी साल अगस्त में नेवी के बेड़े में शामिल किया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन चुका है जिसने खुद न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन का निर्माण किया है।
इस सबमरीन के काम शुरू करने के बाद अब भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शुमार हो चुका है, जिनके पास हवा, जमीन और पानी से न्यूक्लियर मिसाइलों को दागने की क्षमता है। भारत एेसी तीन सबमरीन का निर्माण कर रहा है, जिनमें से अरिहंत पहली है। इसे दुनिया से छिपा कर रखा गया था।
एक अंग्रेजी न्यूज चैनल की ओर से किए गए दावे के अनुसार फरवरी 2016 में इसे ऑपरेशन के लिए तैयार घोषित किया गया था, जिसके बाद अगस्त 2016 में पीएम मोदी ने बेहद गुप्त कार्यक्रम में इस पनडुब्बी को नौसेना को सौंप दिया। इसके साथ ही भारत का छठा ऐसा देश बन गया है जिसके पास जल, थल और वायु में परमाणु ताकत का त्रय पूरा हो चुका है। भारत से पहले अमेरिका, यूके, फ्रांस, रूस और चीन के पास यह त्रय पूरा हो चुका है।
भारत की यह स्वदेशी पनडुब्बी रूस के मदद से बनी है। 6 हजार टन की आईएनएस अरिहंत 83 मेगावाट के प्रेशराइज्ड लाइट वाटर न्यूक्लीयर रिएक्टर से ताकत प्राप्त करती है। इस प्रोजेक्ट को बनाने का काम 1980 के एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल के तकत शुरू किया गया था और यह 2009 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह द्वारा लॉन्च की गई थी। उसके बाद से ही इसके ट्रायल चल रहे थे।