नई दिल्ली। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने 18 मई गुरुवार को कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को सख्त आदेश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि कुलभूषण जाधव की जान को कोई खतरा नहीं हो। इसके साथ ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई के दौरान विएना संधि पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज कर दिया।
वहीं विएना संदि का हवाला देते हुए कोर्ट से साफ़-साफ़ शब्दों में कहा कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान कॉन्सुलर एक्सेस दे। यह पहले से ही तय था कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की शुरुआती जीत तय है क्योंकि हरीशल साल्वे ने काफी मजबूती से भारत का पक्ष रखा था।हालांकि यह अंतिम फैसला नहीं है।आईसीजे अपना फाइनल डिसीजन बाद में सुनाएगी। आईसीजे के प्रेसीडेंट ऑफ कोर्ट रॉवी इब्राहिम ने फ़ैसला सुनाया। कुलभूषण जाधव के फैसले की सुनवाई में 11 जजों की पीठ अपना फैसला सुनाएगी।
आईसीजे ने कहा कि कुलभूषण जाधव को आखिरी फैसले तक फांसी न हो पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस सुनवाई में यह भी कहा कि कुलभूषण जाधव को कुछ नहीं होना चाहिए, पाकिस्तान ये गारंटी दे।आईसीजे ने कहा कि कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दी जाए।जाधव को गिरफ्तार करना विवादित मसला है।भारत-पाकिस्तान दोनों देश मानते हैं कि कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक है।
भारत को 25 मार्च को गिरफ्तारी की सूचना दी गई थी। भारत और पाकिस्तान दोनों विएना संधि से बंधे हैं।आईसीजे ने यह भी कहा कि भारत ने विएना संधि के तहत अपील की है। विएना संधि के तहत कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (कांसुलर एक्सेस) मिलना चाहिए था।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई का अधिकार है।आईसीजे ने अपनी सुनवाई में कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव पर अभी कोई कार्रवाई न करे।
आईसीजे ने कहा कि विएना संधि के तहत कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (कांसुलर एक्सेस) न देकर पाकिस्तान ने ग़लत किया।
भारत ने जोरदार तरीके से अपने तर्क पेश किए थे
चार दिन पहले अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुना था।दोनों पड़ोसी देश इससे पहले 18 साल पूर्व आईसीजे में आमने-सामने थे, जब इस्लामाबाद ने उसके एक नौसैनिक विमान को मार गिराने को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत की मध्यस्थता की मांग की थी।भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए। भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है. जब आईसीजे ने सुनवाई शुरू की तो भारत ने जोरदार तरीके से अपने तर्क पेश किए थे।46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था।पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई।भारत ने जाधव मामले को आठ मई को अंतरराष्ट्रीय अदालत में रखा।
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