जयपुर। जयपुर के एसीएमएम कोर्ट-2 ने जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने और देश में अशांति फैलाने के मामले में जालूपुरा पुलिस की एफआर लौटाते हुए फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने यह कि मामला दिल्ली का है और उसके क्षेत्राधिकार में भी नहीं है, कहते हुए एफआर लगाई थी । इस पर कोर्ट ने कहा कि पुलिस को मामला 156 (3) के तहत जांच के लिए भेजा गया था।
क्षेत्राधिकार तय करने का अधिकार पुलिस को नहीं है। गौरतलब है कि कोर्ट ने नवंबर 2014 में रफीक खान के परिवाद पर शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के खिलाफ जालूपुरा पुलिस थाने में केस दर्ज कर जांच का आदेश दिया था।
बुखारी पर 31 अक्टूबर को नवाज शरीफ को बुलाने और मोदी को निमंत्रण न देने पर आपत्ति जताई गई थी। परिवाद में बुखारी के उस बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी को देश के मुसलमानों ने स्वीकार नहीं किया, वह हमें पसंद नहीं करते। इसलिए निमंत्रण नहीं भेजा। इस बयान को मुसलमानों को बदनाम करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश व देशद्रोह बताया गया था।