नई दिल्ली। जम्मू एंड कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका के बाद सरकार की एडवाइजरी के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। रविवार शाम को श्रीनगर में एक सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें घाटी के सभी दलों (बीजेपी, कांग्रेस) ने हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद फारुख अब्दुल्ला ने कहा, घाटी में लोग डरे हुए हैं। उन्होंने कहा-केंद्र सरकार ऐसा कोई काम न करे, जिससे यहां तनाव भड़के। इसके बाद रविवार रात को श्रीनगर समेत कई इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
इधर घाटी में तनावपूर्ण हालात के बीच सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक राजधानी दिल्ली में होगी। ये बैठक सुबह 9.30 बजे से संभव है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, संसद सत्र के समापन के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं। इधर घाटी में राजनीतिक दलों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सेन्यबलों की तैनाती से यहां पर डर का माहौल बना हुआ है।
अमित शाह ने अजित डाेभाल के साथ बैठक की
इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्य में भारी संख्या में की गई सुरक्षाबलों की तैनाती ने आशंकाओं और तनावों को जन्म दिया है। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
अतरिक्त सचिव (जम्मू एवं कश्मीर डिवीजन) ज्ञानेश कुमार ने अलग से कश्मीर घाटी की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को विस्तार से अवगत कराया। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आतंरिक सुरक्षा और जम्मू एवं कश्मीर के हालातों पर चर्चा की, जहां आतंकवादी हमलों की आशंका के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है।
सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द राज्य छोड़ दें। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हमला किए जाने की साजिश की सूचना मिलने और इन आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी के बारे में शाह ने बैठक में चर्चा की।
अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हुई थी। इसका समापन 15 अगस्त को होना था, लेकिन इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है। एक सूत्र ने बताया कि गृहमंत्री शाह जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा की कथित तौर पर योजना बना रहे हैं। गृहमंत्री को सीमा के हालात से अवगत कराया गया है, जहां भारतीय बलों ने 31 जुलाई और एक अगस्त की दरम्यानी रात उस समय कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया, जब उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश की थी।
गृहमंत्री की बैठक और अमरनाथ यात्रा को शुक्रवार को अचानक समाप्त करना और सुरक्षा बलों की तैनाती से जम्मू एवं कश्मीर में मोदी सरकार के अगले कदम के बारे में एक और दौर की कयासबाजी शुरू हो गई है। राज्य के निवासियों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को पहले ही समाप्त करने से कश्मीर घाटी में अफरातफरी का माहौल है, और लोग बुरी परिस्थितियों के लिए आवश्यक वस्तुओं की तेजी से खरीदारी कर रहे हैं।