नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में BSF के जवानों को चकमा देकर कुछ आतंकी भारत-पाक सीमा पर लगी फैंसिंग के नीचे सुरंग खोदकर घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं। सरहद पर सुरंगों के रास्ते घुसपैठ की संभावनाओं को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के महानिदेशक केके शर्मा ने भी स्वीकार किया है।
जम्मू के हीरा नगर इलाके के मंगुचक पोस्ट से 14-15 मई की रात हुई घुसपैठ की कोशिश के बाद BSF महानिदेशक ने कहा है कि कुछ दिन पहले, कुछ आतंकवादी एक सुरंग के माध्यम से भारत में घुसपैठ कर गए। पाकिस्तान में अभी भी कई ऐसे लांचिंग पैड मौजूद हैं, जहां पर मौजूद आतंकी लगातार भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं।
BSF महानिदेशक ने कहा कि सोमवार रात्रि हाई सेंस्टिव थर्मल इमेजिंग के जरिए पांच आतंकियों को घुसपैठ करते हुए देखा गया था। उल्लेखनीय है कि इस घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए हुई गोलीबारी में BSF का कांस्टेबल देवेंद्र शहीद हो गया है।
6 सालों में मिलीं 5 सुरंगें
BSF के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार भारत-पाक सीमा पर बीते छह सालों में BSF ने छह सुरंगों का पता लगाया है। पहली सुरंग 22 जुलाई 2012 को सांभा सेक्टर के चिल्लिआंग पोस्ट के पास मिली थी। इसके बाद BSF ने 3 मार्च 2016 को आरएसपुरा सेक्टर की अम्मा मईकोठी पोस्ट के करीब एक सुरंग को खोजा था।
28 नवंबर 2016 को सांभा सेक्टर के फतवाल पोस्ट, 14 फरवरी 2017 को सांभा सेक्टर की एसएमपुर पोस्ट और 30 सितंबर 2017 को सांभा सेक्टर के ही मुकेश पोस्ट के करीब BSF ने सुरंगों का पता लगाया था ।
सुरंग बनाने में पाक सेना की मदद!
सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना आतंकियों के लिए सुरंग बनाना मुमकिन नहीं है।अब तक जिस लंबाई और गहराई की सुरंगे भारत-पाक सीमा पर मिली है, उन्हें विशेष उपकरणों के बिना बनाना बेहद मुश्किल है। 22 सितंबर 2012 को सांभा सेक्टर में मिली सुरंग का उदाहरण देते हुए अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने घुसपैठ करने के इरादे से 25 मीटर गहरी और करीब 200 मीटर लंबी सुरंग बनाई थी ।
25 मीटर गहराई पर जाने के बाद समानांतर सुरंग खोदने के दौरान सांस लेने के लिए आक्सीजन उपकरणों की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा, सुरंग को धंसने से रोकने के लिए सपोर्ट सिस्टम तैयार करना होगा, जो कि विशेष उपकरणों और औजारों के बिना संभव नहीं है। वहीं सुरंग खोदने के लिए जेसीबी जैसे बड़े उपकरणों की जरूरत पड़ती है। अब इतनी भारी मात्रा में विशेष उपकरणों का इस्तेमाल पाकिस्तानी आर्मी और पाकिस्तान रेंजर की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता है।
देखे गए 8 से 9 आतंकी
सुरक्षा बल से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बीते दो दिनों में भारत-पाक से जुड़ी सीमा पर आठ से नौ आतंकियों को देखा गया है। उन्होंने बताया कि रविवार (13 मई) को कठुआ जिले के तरना अल्लाह इलाके में तीन से चार आतंकियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी। माना जा रहा है कि ये आतंकियों ने भारत-पाक से सटे तरनाह अल्लाह इलाके के लोंदी बोबियान बार्डर से घुसपैठ की है।
रविवार को तरना अल्लाह के अलावा हीरा नगर से भी चार से पांच आतंकियों को बोबिया से लोंडी की तरफ जाते हुए ग्रामीणों ने देखा था। इन आतंकियों के पास बड़े आकार के बैग और हथियार थे। इन आतंकियों ने गांव में तीन से चार राउंड फायरिंग भी की थी। सुरक्षा बलों की आशंका है कि ये आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर हीरा नगर के बोबिया क्षेत्र से घुसपैठ करने में कामयाब हुए होंगे।