तीन दशकों से राज्य की राजनीति का एक ध्रुव रहीं और गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने वाली लोकप्रिय नेता ‘अम्मा’ के निधन से प्रदेश की राजनीति में बड़ी रिक्ति पैदा हुई है। अपोलो अस्पताल ने एक वक्तव्य में बताया कि 68 वर्षीय जयललिता को रविवार की शाम गंभीर दिल का दौरा पड़ा था और सोमवार रात साढ़े ग्यारह बजे उनका निधन हो गया। उन्हें गत 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद भर्ती कराया था और उसके बाद वह कभी उबर नहीं सकीं।
जयललिता के निधन पर द्रमुक अध्यक्ष एम करणानिधि और रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर सहित कई नेताओं ने शोक प्रकट किया तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी है। शोक प्रकट करते हुए करणानिधि ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि जयललिता नामी विशेषज्ञों की देखरेख में स्वस्थ होकर घर लौट आएंगी लेकिन इसी बीच वह चल बसीं।
आज शाम 4.3; बजे राजकीय सम्मान के साथ जयललिता का अंतिम संस्कार होगा। पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह 9.30 बजे चेन्नई के लिए रवाना हुए। अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्णन भी मौजूद होंगे।
अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जयललिता का पार्थिव शरीर
अन्नाद्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में रखा गया है ताकि जनता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सके। जयललिता के पार्थिव शरीर को सोमवार सुबह उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल ले जाया गया, जहां हजारों समर्थक अपनी ‘पुराची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) को अंतिम विदाई देने के लिए कतार में खड़े हैं। जयललिता का पार्थिव शरीर उनकी पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ है। छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता का पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया है। यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया है और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया है।
राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों तथा राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। जयललिता का बीती रात करीब साढ़े ग्यारह बजे यहां स्थित अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। जयललिता को बुखार, निर्जलीकरण और फिर संक्रमण की समस्या के चलते 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ था लेकिन रविवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और कल रात साढ़े ग्यारह बजे उनका निधन हो गया। लंबे समय से उनकी विश्वासपात्र रहीं शशिकला नटराजन उनके बगल में थीं।
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। उस जगह की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है, जहां नम आंखों से लोग अपनी 68 वर्षीय ‘अम्मा’ को आखिरी विदाई देने के लिए कतार में खड़े हैं। जयललिता को लोग प्यार से ‘अम्मा’ कहते थे। राजाजी हाल में जिस स्थान पर जयललिता का पार्थिव शरीर रखा गया है उस स्थान के करीब जाने की अनुमति किसी को नहीं दी गई है और कतारबद्ध लोग कुछ दूर से ही अपनी नेता के दर्शन कर रहे हैं। सीढ़ियों पर तमिलनाडु के मंत्री बैठे हैं। लोगों की सिसकियों के बीच ‘अम्मा’ स्वर सुनाई दे जाता है।
दिवंगत मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर आज तड़के उनके आवास पोएस गार्डन ले जाया गया और फिर वहां से उसे राजाजी हाल ले जाया गया। राज्य सरकार ने अधिकारिक संवाद में बताया कि दिवंगत मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार शाम चार बजकर 30 मिनट पर मरीना तट पर डॉ एमजीआर स्मारक स्थल पर किया जाएगा।
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