कर्नाटकः दो निर्दलीय विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार से समर्थन लिया वापस

हालांकि, सरकार गिरने जैसे अभी कोई आसार नहीं हैं लेकिन कांग्रेस की बैशाखी के सहारे सरकार चला रहे कुमारस्वामी के माथे पर चिंता की लकीरें तो बढ़ ही गई हैं।

नई दिल्ली। निर्दलीय विधायकों एच. नागेश और आर. शंकर ने मंगलावर को कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन ने भाजपा पर ऑपरेशन लोटस के जरिये विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। हालांकि, सरकार गिरने जैसे अभी कोई आसार नहीं हैं लेकिन कांग्रेस की बैशाखी के सहारे सरकार चला रहे कुमारस्वामी के माथे पर चिंता की लकीरें तो बढ़ ही गई हैं।

गौरतलब है कि 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 है जबकि कुमारस्वामी के पास अभी भी 117 विधायकों का समर्थन है। 

जदएस ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहा है। दूसरी ओर भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया है कांग्रेस-जदएस गठबंधन भाजपा विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। इस कारण पार्टी के सभी विधायकों को गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया है।

कर्नाटक की राजनीति के जानकारों की मानें तो कांग्रेस के 10  जबकि जेडीएस के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा लगातार इस  कोशिश में है कि ये 13 विधायक जल्द से जल्द इस्तीफा दे दें। भाजपा अगले हफ्ते प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है।

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी, लेकिन बाद में कांग्रेस (80) और जेडीएस (37) ने हाथ मिलाकर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बना ली थी।

गठबंधन के पास नहीं है बड़ा बहुमत

दरअसल, कर्नाटक में जदएस ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार तो बना ली थी लेकिन इस गठबंधन के पास बड़ा बहुमत नहीं है। ऐसे में अगर 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो कुमारस्वामी की दिक्कत बढ़ जाएगी। रविवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने भी माना था कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस बारे में उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर से पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘उन्हें रहने दीजिए। वे वहां क्यों गए हैं, कोई नहीं जानता। वे छुट्टियां मनाने गए होंगे या मंदिर दर्शन को गए होंगे या फिर नेताओं से मिलने गए होंगे।’

हालांकि इस राजनीतिक खींचतान के बावजूद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी शांत दिखने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उनका कहना था कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार की ‘अस्थिरता’ का सवाल ही नहीं है। जब उनसे डीके शिवकुमार के उस दावे के बारे में पूछा गया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई में कुछ भाजपा नेताओं के साथ हैं, तो कुमारस्वामी ने कहा- वे मेरे मित्र हैं। जो विधायक मुंबई में हैं या भाजपा के सभी 104 विधायक जो दिल्ली में हैं, सभी मेरे लोग हैं। इसलिए इस सरकार की अस्थिरता का सवाल ही नहीं उठता।

gajendra tripathi

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