नयी दिल्ली, 25 जुलाई। विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कालेधन की समस्या पर अंकुश के लिये क्रिकेट में सट्टेबाजी पर रोक के लिये कड़े नियम और शेयर बाजार में पी-नोट के जरिये होने वाले निवेश को मजबूत नियमन के दायरे में लाने के साथ साथ शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों को मिलने वाले दान को कर दायरे में लाने की वकालत की है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा कालेधन की समस्या पर रिपोर्ट तैयार करने के लिये गठित एसआईटी ने यह भी कहा है कि सेबी को पी-नोटधारकों के संबंध में लाभान्वित स्वामित्व का ब्यौरा और उसके लिये नियमन भी तैयार करना चाहिये। बाजार में शेयर मूल्यों में अचानक आने वाली तेजी की निगरानी की भी व्यवस्था होनी चाहिये। एसआईटी ने सट्टेबाजी के साथ साथ स्कूलों, कालेजों और धार्मिक संस्थानों को दिये जाने वाले दान में बड़े पैमाने पर कालेधन के इस्तेमाल और इसके सृजन पर गहरी चिंता जताई है।
एसआईटी ने अपनी तीसरी रिपोर्ट में क्रिकेट में होने वाले सट्टेबाजी, विशेषतौर पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में होने वाले सट्टेबाजी में भारी मात्रा में अवैध धन के इस्तेमाल का उल्लेख करते हुए इससे निपटने के लिये प्रभावी कानूनी कदम उठाने की सिफारिश की है।
न्यायमूति (सेवानिवृत) एम.बी. शाह की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘ .. यह स्पष्ट है कि क्रिकेट में सट्टेबाजी की गैर-कानूनी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिये कोई ने कोई प्रावधान होना चाहिये जिससे कि सभी लोग डरें। ’
कालेधन का शेयर बाजार में दरपयोग के मुद्दे पर समिति ने कहा है कि सेबी को शेयर मूल्यों में अचानक तेजी आने जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिये एक प्रभावी प्रणाली बनानी चाहिये। जरूरी कारवाई के लिये इसकी सूचना सीबीडीटी और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) जैसी दूसरी एजेंसियों को भी दे दीन चाहिये।