नयी दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक साध्वी से दुष्कर्म के आरोप में दोषी करार दिया गया है। यह फैसला पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को दोपहर बाद सुनाया। इस फैसले के बाद लोगों में यह जानने की उत्सुकता स्वाभाविक है कि आखिर पूरा मामला है क्या? आइये हम आपको बताते हैं बाबा राम रहीम की उस गुफा के बारे में जहां की यह वारदात बतायी जा रही है।
15 साल पुराना है मामला
यौन शोषण का ये आरोप 15 साल पहले का है। उस समय पीड़िता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजे लेटर में लिखा था कि राम रहीम ने उन्हें रात को अपनी गुफा में बुलाया था। इसी मामले में यह फैसला आया है। करीब 100 एकड़ में फैले गुरमीत राम रहीम के आश्रम के लगभग बीचों-बीच कांच और दीवारों से बना एक भवन है, जिसे राम रहीम की गुफा कहा जाता है। गुफा में जाने के लिए दो-तीन और दरवाजे हैं, जहां तक बाबा की गाड़ी सीधे जाती है।
गुफा तक के रास्ते में हर जगह सादे कपड़ों में या फिर बकायदा कमांडो शैली में बंदूकधारी लोग तैनात हैं। राम रहीम की गुफा में शानदार सोफा और चमकदार पर्दों वाला हॉल है। यहां 209 शिष्याएं खासतौर पर चुनी जाती हैं। इन शिष्याओं में से कुछ को ही इस गुफा में आने का अधिकार है। गुफा में जाने के लिए बाकायदा पहचान और बायोमीट्रिक सिस्टम है, तभी दरवाजे खुलते हैं। ये शिष्याएं किसी साध्वी की तरह खास गेरुआ या सफेद रंग के कपड़े पहनती हैं और अक्सर बाल खुले रखती हैं। इसके अलावा ये शिष्याएं बाबा को खाना खिलाने, मुलाकात करवाने, सुबह शाम स्टेज तक लाने का काम करती हैं। बाबा के प्रवचन में भी बाईं तरफ इनके लिए एक खास जगह बनी होती है। प्रवचन वाले हॉल मे यही सब कुछ संभालती हैं और बाहरी हिस्से में दूसरे पुरुष कारसेवक काम करते हैं।
गुरमीत की इस गुफा में बाबा के लिए अलग से तैयार होने की जगह और खास लोगों से मिलने का कमरा भी है। यहीं से गुरमीत के पास कई देशों में सीधे बात करने के लिए हॉटलाइन भी है। इस पूरी गुफा में ऐशो-आराम की हर चीज मौजूद है। झाड़फानूस से लेकर शानदार बाथरुम तक। इसके अलावा जिस गोल स्टेज में बाबा प्रवचन देते हैं उसके नीचे पहिए लगे होते हैं और ऊपर एक हैंडल, जिससे मंच आगे और पीछे जाता है। बाबा भी उसी पर बैठकर सीधे एक चक्कर लगाते और वापस आ जाते हैं। चमकदार और शिफॉन से बने बाबा के कपड़े भी खास डिजाइनर से चंडीगढ़ से बनकर आते हैं।
राम रहीम के गुफा में एक एनआरआई गेस्ट हाउस भी है। जहां पर शानदार सुईटस ही नहीं, स्विमिंग पूल और रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट भी था। बिल्कुल मुंबई के एंबेसेडर होटल की तरह. इसके अलावा आश्रम में खुद के दो पेट्रोल पंप हैं। आश्रम की गाड़ियों को पर्ची पर सीधे पेट्रोल मिलता है। आश्रम में सब कुछ उगता है। दाल-चावल से लेकर आलू-टमाटर तक। आश्रम में ही कई लोग शर्ट-पैंट और बाकी कपड़े सिलते हैं तो एक जगह पर मसाले भी बनते हैं यानि सब कुछ आश्रम में ही मिल जाता है बाहर जाने की जरुरत ही नहीं। बाबा के आश्रम में अंदर घूमने के लिए बैटरी वाली कार भी हैंस जिससे बाबा आश्रम में घूमते रहते हैं।
इतना ही नहीं आश्रम में एक विशाल वॉशिंग मशीन मौजूद है। किसी बड़े कुएं की तरह जिसमें एक बार में 10 से 15 हजार तक कपड़े धुल सकते हैं। इसे खास तौर पर बनवाया गया है। आश्रम में सीसीटीवी तो था ही इसके अलावा एक कंट्रोल रूम भी है जहां देश के तब के सारे चैनलों की मॉनिटरिंग और गुरमीत से संबंधित खबरों को रिकॉर्ड करने का सिस्टम भी था।