न्यायमूर्ति प्रदीप नंद्राजोग और न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि परित्याग ‘एक जगह से वापसी ही नहीं है’ बल्कि यह विवाह के सभी कर्तव्यों का त्याग है और पति या पत्नी में से किसी एक द्वारा बिना किसी उचित कारण या दूसरे की सहमति के बिना उसे छोड़ देना है।
उच्च न्यायालय ने एक मामले में यह व्यवस्था दी जिसमें उसने एक परिवार अदालत में, पत्नी द्वारा परित्याग किए जाने के आधार पर पति को दिया हुआ तलाक रद्द कर दिया। पीठ ने कहा ‘रिकॉर्ड से पता चलता है कि प्रतिवादी (पति) ने अपीलकर्ता (पत्नी) को छोड़ा था जो कि आज तक अपने गुजारा भत्ते के लिए लड़ रही है।’
उच्च न्यायालय के अनुसार, पति ने जिरह के दौरान माना था कि उसने अपनी पत्नी पर अपने पुत्र को मार डालने का आरोप लगाया था जबकि यह आचरण क्रूरता है। इस जोड़े के पुत्र की जन्म के कुछ ही घंटे बाद मौत हो गई थी।
फैसले में पीठ ने कहा कि छह सितंबर 2003 को पत्नी के अभिभावकों द्वारा आकर पत्नी को अपने साथ ले जाने तक पति का घर से बाहर रहना और दो दिन बाद झूठे आधार पर तलाक के लिए आवेदन कर देना.. इससे साफ जाहिर होता है कि वह (पति) पत्नी को कितना सम्मान देता था और उसके साथ कैसा व्यवहार करता था।
Bareillylive : एसआरएमएस मेडिकल कालेज में पिछले करीब आठ वर्ष से भर्ती किशोर निशांत गंगवार…
Bareillylive : एक उम्मीद संस्था द्वारा और इनरव्हील क्लब बरेली के योगदान से एक विशेष…
Bareillylive : इंस्पायर मानक योजना के अंतर्गत प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित 11 वीं…
Bareillylive : इनर व्हील क्लब मेन बरेली 311 की अध्यक्ष डॉ विनीता सिसोदिया, सचिव निरुपमा…
Bareillylive : मण्डलीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता -2024 का आयोजन कान्ती कपूर सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर इण्टर…
Bareillylive : रामनगरी के विकास के लिए योगी सरकार लगातार धनवर्षा कर रही हैं। अयोध्या…