नई दिल्ली। (interim maintenance allowance in marital disputes) विवाह से जुड़े विवाद में पति-पत्नी के बीच गुजारे भत्ते के निर्धारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के बाद गुजारा भत्ता तय करने के नियम बदल जाएंगे। अब गुजारा भत्ते की रकम तय करने के लिए दोनों पक्षकारों को अदालत में कई चीजों का विवरण देना होगा, जिसके बाद ही आय, आय के स्रोत वगैरह को देखते हुए यह तय किया जाएगा कि विवाद के सुलह में कितना गुजारा भत्ता दिया जाना है।

विस्तृत गाइडलाइन के अनुसार विवाद के अदालत में जाने के बाद दोनों पक्षकारों को अपनी आमदनी के स्रोत और आमदनी का पूरा ब्योरा देना होगा। इसके बाद ही गुजारा भत्ते की रकम तय की जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी ताकीद की है कि सभी हाईकोर्ट इस गाइडलाइन पर अमल करेंगे। न्यायमूर्ति इंदु मलहोत्रा और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी की पीठ ने अपने इस अहम फैसले में विस्तार से गाइडलाइन के विभिन्न पहलुओं को बताया है। यानी विवाद की सुनवाई जारी रहने के दौरान अंतरिम गुजारा भत्ता की रकम, अवधि और अन्य पहलुओं पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। वैवाहिक विवादों में अदालत में लंबित मामलों के दौरान अंतरिम गुजारा भत्ते के लिए यह फैसला आया है।

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