देहरादून। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की कांवड़ यात्रा की तैयारी को लेकर हुई बैठक में तय किया गया कि इस बार हर कांवड़ यात्री को अपने साथ कोई न कोई परिचय पत्र रखना जरूरी होगा। सात फीट से ऊंचा कांवड़ ले जाने की अनुमति भी नहीं होगी।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई इस 15वीं अंतरराज्यीय बैठक में सभी कांवड मार्गों पर संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर पर्याप्त पुलिस तैनात करने पर भी सहमति हनी। बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के डीजीपी तथा दिल्ली के डीजीपी कानून व्यवस्था शामिल हुए।
थाने में दर्ज करानी होगी पूरी जानकारी
बैठक में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कांवड़ियों के हुड़दंग के साथ ही उनके साथ हुए कई हादसों में उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया था। इसी वजह से इस बार पहचानपत्र रखना अनिवार्य किया गया है। रेल और बसों की छत पर सवारी भी नहीं करने दी जाएगी। कांवड़ यात्रा के दौरान जुगाड़ वाले वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगे और उन्हें सीज कर दिया जाएगा। इस बार करीब तीन करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है। ऐसे में यातायात और सुरक्षा के लिए सभी राज्यों को आपसी समन्वय बनाना होगा। बैठक में तय किया गया कि जो भी कांवड़िया जिस जगह से आ रहा है, उसको अपने थाने में अपनी सारी डिटेल दर्ज करवानी होगी। इसमें नाम, पता, तथा मोबाइल फोन और गाड़ी नंबर शामिल होगा।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा में डीजे की पूरी छूट
कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड में डीजे पर सख्ती के निर्देश दिए गए है लेकिन उत्तर प्रदेश और हरियाणा में डीजे पर कोई सख्ती या प्रतिबंध नहीं होगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से उत्तराखंड आने वाले कांवड़ियों को अपने डीजे अपने प्रदेश की सीमा पर ही छोड़ने होंगे। आईजी सहारनुपर शरत सचान ने कहा कि हालांकि उत्तर प्रदेश में डीजे पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन डीजे नियमानुसार ही बजाए जा सकेंगे। नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी। आईजी करनाल (हरियाणा) योगेंद्र मेहरा ने कहा कि हरियाणा में डीजे की छूट है पर कांवड़ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था का ध्यान रखा जाएगा।