कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को कोर्ट ने देशद्रोह में भेजा जेल, कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, hardik patel,

mehbooba muftiनई दिल्ली,7 जनवरी। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के गुरुवार सुबह निधन हो जाने के बाद उनकी बेटी और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का गुरुवार सुबह निधन हो गया। उनका एम्स में पिछले 14 दिनों से इलाज चल रहा था। 79 वर्षीय सईद को 24 दिसंबर 2015 को गर्दन में दर्द और बुखार के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था।

मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, पीडीपी की सांसद महबूबा मुफ्ती की राज्य के मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी हो सकती है। महबूबा अगर मुख्यमंत्री बनती हैं तो राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी। सईद की भी इच्छा थी कि राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बने। इससे पहले सईद की हालत में सुधार न होते देख बीजेपी सूत्रों ने भी संकेत दिया था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के तौर पर सईद की बेटी महबूबा गठबंधन की पहली पसंद हो सकती है। वरिष्ठ पीडीपी नेता नईम अख्तर ने भी कहा था कि अगर राज्य में किसी और को सीएम बनाने की बात आती है तो महबूबा मुफ्ती पर आम सहमति बन सकती है।

Rj 300x250सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में बीजेपी आलाकमान और पीडीपी नेताओं के बीच दिसंबर के आखिरी हफ्ते से बातचीत चल रही थी। गौरतलब है कि पिछले साल ही बीजेपी के साथ जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार बनी थी और सईद एक मार्च को मुख्यमंत्री बने थे। पहले लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री भले मुफ्ती मोहम्मद सईद हैं लेकिन सरकार चलाती हैं महबूबा मुफ्ती। पर जब मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक कार्यक्रम में खुद कह दिया कि असल में काम महबूबा मुफ्ती ही करती हैं और वो स्वयं तो केवल भाषण देते हैं। इसके बाद ये साफ हो गया था कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में महबूबा मुफ्ती की हैसियत क्या है।

2014 में जम्मू कश्मीर विधानसभा का चुनाव हुआ था. चुनाव में बीजेपी और मुफ्ती सईद की पार्टी पीडीपी दो बड़ी पार्टियों के रूप में उभर कर सामने आईं। बीजेपी और पीडीपी की राजनीतिक विचारधारा और कामकाज का तरीका उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तरह। ऐसे में बीजेपी के साथ नई सरकार बनाने में जिसने अहम भूमिका निभाईं वो थी महबूबा मुफ्ती। गौर हो कि साल 2004 में महबूबा मुफ्ती कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा बनकर अनंतनाग से लोकसभा चुनाव लड़ीं और सांसद बनीं। इसके बाद महबूबा साल 2014 में दूसरी बार लोकसभा के लिए चुनी गईं।

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