नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 11 दिनों से कृषि विधेयक के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का आज सोमवार को 12वां दिन है। यह आंदोलन व्यापक रूप लेता जा रहा है। इस क्रम में मंगलवार, 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है जिसे विपक्षी पार्टियों का व्यापक समर्थन प्राप्‍त है। कांग्रेस, नेकां समेत 10 पार्टियों ने संयुक्‍त बयान जारी कर भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। इस बीच व्‍यापारियों और ट्रांसपोर्टरों ने बंद से अलग रहने की घोषणा की है।

मंगलवार को बंद नहीं होगा देश का कारोबार : सीएआईटी

व्‍यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT, सीएआईटी) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने सोमवार को कहा, “कल के भारत बंद में भारत के ट्रेडर व ट्रांसपोर्टर नहीं शामिल होंगे। हमें जारी वार्ता प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।” उन्‍होंने कहा, “किसानों की ओर से भारत बंद के मामले में हमसे किसी तरह का समर्थन नहीं मांगा गया है। ऐसे में जब केंद्र और किसान नेताओं की वार्ता चल रही है तो बंद का कोई औचित्य नहीं है।” उन्होंने आगे कहा की किसानों के साथ व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों की सहानुभूति है क्‍योकि वे देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस हैं लेकिन हमें भरोसा है की सरकार और किसान नेताओं के बीच जारी वार्ता का सकारात्‍मक परिणाम आएगा।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने कहा, “हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और हम इसे ऐसे ही जारी रखेंगे। कल का भारत बंद सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। यह हमारा विरोध प्रदर्शन है जिसके जरिए हम यह बताना चाहते हैं कि हम भारत सरकार की पॉलिसी के विरोध में हैं।” उन्‍होंने आगे कहा, “आम जनता को इससे परेशानी न हो इसलिए भारत बंद की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी ताकि वे समय पर कारायालय पहुंच सके। एंबुलेंस और विवाह समारोहों को बाधित नहीं किया जाएगा। लोग अपना कार्ड दिखाकर काम के लिए जा सकते हैं।” 

किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने कहा, “यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत करने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है।” उन्होंने सभी से बंद को शांतिपूर्ण बनाना सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा, “चूंकि सरकार हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रही थी, इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया।”

मायावती ने किया बंद का समर्थन

बसपा प्रमुख मायावती ने इस संबंध में ट्वीट किया और कहा, “तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लेकर देश भर में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस क्रम में उन्‍होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है, इस बंद के लिए बसपा अपना समर्थन देती है और केंद्र से किसानों की मांगों को मानने की भी फिर अपील है।”

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