लंदन/नई दिल्ली। शरद ऋतु चल रही है। त्योहारों का सीजन शुरू होने ही वाला है। दशहरा पर रावण परिवार को पुतलों को दहन करने के दौरान जमकर धूम-धड़ाका होता है तो दीपावली पर कई दिन पटाखे फोड़े जाते हैं। इस बार तो हमारे अतंरितक्ष ने भी आतिशबाजी की तैयारी कर रखी है। आज से शुरू होकर पूरे अक्टूबर आसमान में बारिश होती रहेगी जिसे खगोल विज्ञान की भाषा मेंउल्कापिंडों की बारिश”यानी Draconid meteor shower” कहते हैं।

साइंस फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8 और 9 अक्टूबर की शाम  उल्कापिंडों की बारिश की वजह से हर घंटे टूटते तारे नजर आएंगे। आमतौर पर उल्कापिंड कॉमेट से बनते हैं। जब कॉमेट सूरज का चक्कर काटते हैं तो उनसे धूल और बर्फ निकलती है। जब ये धरती के करीब से गुजरते हैं तो रोशनी के साथ ये टूटते तारे (shooting stars) जैसे नजर आते हैं।

Draconid (टूटते तारों) का नाम Draco तारामंडल के नाम पर रखा गया है। धरती जब Giacobini-Zinner कॉमेट के मलबे से होकर गुजरती है तो ये बनते हैं। आमतौर पर टूटते तारे तड़के दिखते हैं लेकिन Draconid शाम को सबसे अच्छी तरह से नजर आते हैं।

अगर आप किसी वजह से Draconid नहीं देख पाते हैं तो अक्टूबर में उल्कापिंडों की एक और बारिश होगी। इसे Orionid कहते हैं और इसके  20-21 अक्टूबर की रात बड़ी संख्या में होने की उम्मीद है। ये Orion तारामंडल की ओर से आते हैं और इनका संबंध प्रसिद्ध Halley’s comet से है। इसके अलावा अक्टूबर और नवंबर में Taurid भी होगा जो Tauras तारामंडल से आता है। इसके 9-10 अक्टूबर और फिर 10-11 नवंबर को पीक पर होने की उम्मीद है।

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