केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबरनयी दिल्ली। मीटू (MeToo) अभियान के तहत महिला पत्रकारों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया। फिल्म इंडस्ट्री से शुरू हुए ’मीटू’ अभियान के तहत अपने समय के मशहूर सम्पादक एवं राज्यमंत्री एम.जे.अकबर पर सबसे पहले महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये। उसके बाद से अब तक 15 से भी अधिक महिला पत्रकारों ने खुलकर रमानी का समर्थन किया। इन सभी ने भी आपबीती को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अकबर पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे।

अपने इस्तीफे का ऐलान करने के साथ ही इस संदर्भ में एम.जे. अकबर ने एक बयान जारी किया। कहा – ’’चूंकि मैंने अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों का सामना करने के लिए मैंने निजीतौर पर कोर्ट की शरण ली है। लिहाजा मैं विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं। साथ ही यह भी कहना चाहूंगा कि देश की सेवा करने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मैं आभार प्रकट करता हूं।’’

बता दें कि मीटू अभियान के तहत सबसे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर आरोप लगाए थे। उसके बाद से ही देश में इस अभियान ने जोर पकड़ा है। हालांकि प्रिया रमानी ने जब हॉलीवुड में मीटू अभियान शुरू हुआ था, तब 2017 में वोग पत्रिका में लेख लिखकर ये आरोप लगाए थे। उसके बाद पिछले दिनों उन्होंने ट्वीट कर एमजे अकबर का नाम सार्वजनिक तौर पर लिया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने इस लेख की शुरुआत मेरी एमजे अकबर स्टोरी के साथ की थी। उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ ’किया’ नहीं था।“ हालांकि अब उन्होंने अकबर को ’प्रेडेटर’ भी कहा।

प्रिया रमानी का बयान

एमजे अकबर ने सोमवार को प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कोर्ट में दर्ज कराया। इसके खिलाफ महिला पत्रकार संगठनों समेत कई महिला पत्रकारों ने कहा कि वे प्रिया रमानी की इस लड़ाई में उनका साथ देंगी। अकबर के इस्तीफे की खबर सामने आने के साथ ही प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा कि अकबर के इस्तीफे के बाद हम महिलाओं के पक्ष की जीत हुई है। मैं इसके साथ ही उस दिन का इंतजार करूंगी जब मुझे कोर्ट से न्याय मिलेगा।

कांग्रेस ने कहा- देर आयद, दुरुस्त आयद

इन आरोपों के सामने आने के साथ ही कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की मांग की थी। अकबर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने टिप्पणी करते हुए कि देर से आए लेकिन दुरुस्त आए।

गंभीरता से लिया जाना चाहिए यौन उत्पीड़न का आरोप : मेनका गांधी

इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मीटू अभियान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा था कि किसी के भी खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आमतौर पर महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं। मेनका गांधी ने कहा था, ‘‘ताकतवर पदों पर बैठे पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं। यह बात मीडिया, राजनीति और यहां तक कि कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों पर भी लागू होती है।’’

उन्होंने कहा कि अब जब महिलाओं ने इस बारे में बोलना शुरू किया है तो उनके आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘ महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे, उनके चरित्र पर अंगुलियां उठाएंगे। लेकिन अब जब उन्होंने बोलना शुरू किया है तो हर एक आरोप के बारे में कार्रवाई की जानी चाहिए।’’

उल्लेखनीय है कि देश में ‘मीटू’ अभियान तेज हो गया है, मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की आपबीती साझा की है। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 में एक फिल्म के सेट पर नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इसके बाद हॉलीवुड के ‘मीटू’ की तर्ज पर भारत में भी यह अभियान शुरू हुआ है। पाटेकर ने तनुश्री के आरोपों का खंडन किया है।

error: Content is protected !!