नई दिल्ली। (Mild COVID-19 Cases)केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने हल्के और स्पर्शोन्मुख रोगियों में कोविड-19 (कोरोना वायरस) की रोकथाम और नैदानिक प्रबंधन के लिए आधिकारिक प्रोटोकॉल (राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल) जारी किया है। इन निवारक उपचार और उपायों की सूची में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और काढ़ा, हल्दी वाला गर्म दूध, योग और खास डाइट लेना शामिल है।
आयुष प्रोटोकॉल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उपयोग को बढ़ावा देता है। इस प्रोटोकॉल में रोगी की उम्र, वजन और बीमारी की गंभीरता के आधार पर आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स और जड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह दी गई है।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैसने के साथ ही आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) इस महामारी से लड़ने के लिए योग, जड़ी-बूटियां और पूरक आहार जैसे निवारक उपायों के इस्तेमाल की सलाह देता रहा है।
इम्यूनिटी ऐसे बढ़ाएं
प्रोटोकॉल दस्तावेज़ के अनुसार, अश्वगंधा, गुडूची, पिप्पली और आयुष-64 गोलियों के उपयोग से स्पर्शोन्मुख सीओवीआईडी-19 रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यहां तक कि बीमारी को गंभीर होने से भी रोका जा सकता है। प्रोटोकॉल दस्तावेज़ में च्यवनप्राश या रसायण चूर्ण भी शामिल है। कोरोनो वायरस रोगियों के फेफड़ों को प्रभावित होने से रोकने के लिए बीमारी से उबरने के बाद योगासन करने की सलाह दी गई है।
प्रोटोकॉल दस्तावेज़ में अत्यधिक संक्रामक रोग के हल्के लक्षणों और यहां तक कि पोस्ट-कोविड रिकवरी के प्रबंधन के लिए डाइट में बदलाव को भी शामिल किया गया है। इन उपायों में हल्दी वाला गर्म दूध पीना, विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों से बना काढ़ा पीना तथा नीलगिरी के तेल या अजवाइन को उबालकर उसकी भाप लेना शामिल है।
राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेने और हर दिन कम से कम 35 से 45 मिनट तक व्यायाम करने की भी सलाह दी गई है।
मास्क, स्वच्छता और शारीरिक दूरी
प्रोटोकॉल में घर से बाहर कदम रखने पर चेहरे को कवर करने या फेस मास्क पहनने के महत्व पर ज़ोर दिया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि स्वच्छता और शारीरिक दूरी (Physical distance) बनाए रखना कितना ज़रूरी है।
Disclaimer: बरेली लाइव आपको सलाह देता है कि कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर फौरन चिकित्सकीय परामर्श लीजिए। आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉलमें दिशानिर्देशों के ज़रिए यह बताया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण से पहले और ठीक हो जाने के बाद कैसे खुद की देखभाल करनी चाहिए।