नई दिल्ली@BareillyLive. केंद्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए घोषणा की कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अगली अखिल भारतीय जनगणना में जातियों का डेटा भी एकत्र किया जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने राजनीतिक उद्देश्यों से सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना कराई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि जातिगत गणना को निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाए।
भारत में हर 10 वर्ष में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें विलंब हुआ। अब सरकार इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की दिशा में कदम उठा रही है।