जनवरी तक और गिर जाएंगे सोने के दाम!

 golden2नयी दिल्ली । अर्थशास्त्र में सोना, चाँदी और कच्चे तेल की कीमतों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के सेहत का सूचकांक माना जाता है। जब से मानव ने व्यापार की पद्धत्ति का विकास किया है, तभी से सोना और चाँदी को निवेश और धन संग्रह का सबसे सुरक्षित वास्तु माना जाता रहा है। पिछले दस दिनों के दौरान सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी गयी। ज्योतिष के दृष्टिकोण से सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी रहेगा।

आधुनिक युग में यह देखा गया है की बड़ी वैश्विक महामंदी से पहले सोने और चाँदी पर से निवेशकों का विश्वास हिलने लगता है और इनकी कीमतों में अकस्मात रूप से तेज गिरावट दर्ज की जाती है, जो की बाद में शेयर बाजार में हड़कंप ला देती है।इस पीली धातु के दाम पिछले चार वर्षो के न्यूनतम स्तर पर आ गये। सोने के साथ-साथ चाँदी और कच्चे तेल की कीमतों में भी कमी देखी जा रही है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अब तक चार बार (1975, 1982, 1991 और 2009) आई महामंदी से कुछ माह पूर्व सोने और चाँदी की कीमतों में गिरावट देखी गयी थी।

goldenगुरु-शुक्र सिंह राशि में युति तक  कीमतों में गिरावट-

ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखे तो सोने और धन का मुख्य कारक ग्रह गुरु है जिसने अभी हाल ही में 14 जुलाई को सिंह राशि में प्रवेश किया है, जिसके बाद से सोने की कीमतों में गिरावट का दौर देखा जा रहा है।
सिंह राशि सोने का स्वामित्व रखता है। गुरु इस समय शुभ ग्रह शुक्र के साथ सिंह राशि में युति कर रहे हैं जो की सोने-चाँदी के दामो में कमी का दौर तब तक बनाये रखेगी जब तक शुक्र 14 नवंबर को सिंह राशि छोड़ कर कन्या में नहीं चले जाते।

9 मार्च 2016 से सूर्य ग्रहण शेयर बाजार में आर्थिक सुनामी शुरू करेगा

भारत में महिलाओं के लिए यह खुशी की बात हो सकती है किन्तु वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह खतरे की घंटी है। वर्ष 2016 में जनवरी के मध्य जब राहु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे तब सोना अपने निम्नतम स्तर, जो की 20000/- रुपए तोला हो सकता है, को छूकर कुछ समय के लिए तेजी से उठाना शुरू करेगा।

लेकिन 9 मार्च 2016 से सूर्य ग्रहण के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में तेज गिरावट के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था महामंदी की चपेट में आ जाएगी जिससे सोने, चांदी, कपास, गेहूं और कच्चे तेल सभी की कीमतों में अकस्मात् गिरावट देखी जाएगी।

9 मार्च 2016 का सूर्य ग्रहण अमेरिका और पश्चिमी देशो में आर्थिक सुनामी ले कर आएगा जिसमे निवेशकों के अरबो डॉलर शेयर बाजार में डूब जायेगे और भारत भी कुछ हद तक प्रभावित होगा।