लखनऊ। समाजवादी कुनबे की लड़ाई में शुक्रवार निर्णायक दिन रहा। आज सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बगावत से खफा होकर उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। साथ ही रामगोपाल यादव को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनको दिये पार्टी के सभी पदभार भी उनसे छीन लिये।
मुलायम सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों की अलग सूची जारी किए जाने से नाराज थे। शुक्रवार शाम बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में मुलायम ने दोनों के निष्कासन का ऐलान करते हुए कहा कि दोनों को अनुशासन तोड़ने के आरोप में पार्टी से निकाला गया।
शिवपाल यादव की मौजूदगी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुलायम ने कहा- रामगोपाल ने कई बार अनुशासन तोड़ा है। साथ ही उन्होंने पार्टी को आघात पहुंचाया है। इसलिए उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
मुलायम ने कहा-हम समाजवादी पार्टी को टूटने नहीं देंगे। मैं तय करूंगा की मुख्यमंत्री कौन होगा। मैंने पार्टी बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल यादव को निकाला। मुलायम ने कहा कि रामगोपाल द्वारा बुलाए गए सम्मेलन में जो शामिल होगा उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
For us party is the most important and our priority is to save the party: SP Chief Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/rv23ZmXJrO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2016
सपा मुखिया ने कहा- राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने को अधिकार केवल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को है और पार्टी का अध्यक्ष मैं हूं। रामगोपाल की चाल नहीं समझ रहे अखिलेश। राम गोपाल ने जो कुछ किया है वह सब असंवैधानिक है। रामगोपाल अखिलेश का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अखिलेश को पार्टी से बाहर निकाले जाने की खबर बाहर आते ही लखनऊ में अखिलेश के घर के बाहर समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। समर्थक अखिलेश जिंदाबाद और शिवपाल यादव मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।
यह पूछे जाने पर कि माफी मांगे जाने पर क्या वह अखिलेश को पार्टी में वापस लेंगे। इस पर मुलायम ने कहा कि अखिलेश जब माफी मांगेंगे तब देखेंगे। इसके पहले मुलायम ने अनुशासन तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मुलायम ने पूछा कि अनुशासन तोड़ने के लिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।