नई दिल्ली। भारत ने आतंकवाद को लेकर अपने बेहद सख्त रुख को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है, वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान को लिखी गई “धन्यवाद” की चिट्ठी में। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद इमरान खान ने नरेंद्र मोदी को एक बधाई संदेश दिया था। इसके बाद उन्होंने 8 जून को एक चिट्ठी लिखकर दोनों देशों के बीच बातचीत का आग्रह भी किया था। मोदी ने इसी के जवाब में धन्यवाद देते हुए यह सख्त खत लिखा है। मोदी ने कहा है, “दोनों देशों के बीच संबंध तभी सुधर सकते हैं जब पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करके दिखाए।”
भारत के प्रधानमंत्री पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए इमरान खान ने खत में कहा था कि दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है। इसके लिए यह जरूरी है कि क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिल कर काम किया जाए। इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा सहित सभी समस्याओं का समाधान चाहता है।
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए भारत अब उसे कोई रियायात देने के मूड में नहीं है। यही कारण रहा कि किर्गिस्तान की राजधानी में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के शिखर सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को कोई भाव नहीं दिया। हालत यह थी कि सम्मेलन के दौरान नरेंद्र मोदी और इमरान खान के बीच सिर्फ अभिवादन हुआ। शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान मोदी ने नाम न लेते हुए भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले देशों की कड़ी आलोचना की। साथ ही आतंकवाद से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन का भी आह्वान किया।