नौसेना में शामिल हुआ INS कोच्चि, पार्रिकर ने किया युद्धपोत का जलावतरण


मुंबई।
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने बुधवार को नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि का जलावतरण किया और कहा कि नौसेना ने अगले 15 साल के लिए स्वेदशी योजना का खाका तैयार किया है।

पार्रिकर ने यहां नौसेना की गोदी पर युद्धपोत पर संवाददाताओं से कहा कि नौसेना ने अगले 15 साल के लिए स्वदेश विकास की योजना तैयार की है। रक्षा उत्पादन इकाइयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र में नया उत्साह है। उन्होंने कहा कि हम एक वास्तविक समुद्री नौसेना विकसित करेंगे जो हिंद महासागर क्षेत्र पर प्रभाव रखेगी। मंत्री ने प्रक्षेपास्त्र प्रणाली प्रौद्योगिकी के र्मोचे पर ‘मिश्रित सफलता’ के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में मिसाइल प्रौद्योगिकी में बड़े स्तर पर स्वदेशीकरण होगा। पार्रिकर ने कहा कि आईएनएस कोच्चि किसी विदेशी नौसैनिक पोत की तरह ही है। उन्होंने इसका निर्माण करने वालों की प्रशंसा की।

‘आईएनएस कोच्चि’ कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) के गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर्स में दूसरा युद्धपोत है। दिल्ली श्रेणी के विध्वंसक पोतों के बाद के क्रम में कोलकाता श्रेणी के तीन जहाजों का करार किया गया था। दिल्ली श्रेणी के युद्धपोत एक दशक से अधिक समय पहले नौसेना में शामिल किये गये थे। इसे नौसेना के आंतरिक संगठन ‘नौसैनिक डिजाइन निदेशालय’ ने डिजाइन किया है और मुंबई में मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड में इसका निर्माण किया गया है। बंदरगाह शहर कोच्चि के नाम पर इसका नामकरण किया गया है। यह युद्धपोत दिल्ली श्रेणी के जहाजों की तुलना में बेहतर है और इसके शस्त्र और सेंसर अधिक आधुनिक हैं। युद्धपोत में रडार की पहुंच में नहीं आने जैसी उन्नत नयी डिजाइन अवधारणाएं शामिल हैं। विशालकाय जहाज 164 मीटर लंबा और 17 मीटर गहरा है जो चार गैस टर्बाइन से चलता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 30 नॉट तक की रफ्तार पकड़ सकता है।

जहाज पर करीब 40 अधिकारियों और चालक दल के 350 सदस्यों के सवार होने की क्षमता है। कर्मचारियों की परिस्थिति और रहने की अनुकूल शैली के अनुरूप जहाज में रहने की व्यवस्था की गयी है। नौसेना के पास हेलीकॉप्टरों की कमी के सवाल पर पार्रिकर ने कहा कि हमारे पास कुल स्वदेशी लक्ष्य के करीब 35-40 प्रतिशह हैं। बाकी की चीजें आंशिक या पूर्ण रूप से आयातित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता कमजोर होने की स्थिति में चीजें बनाना व्यावहारिक नहीं होता। अगले पांच से छह साल में 70 प्रतिशत स्वदेशी विकास का लक्ष्य उचित होगा। प्रवक्ता ने बताया कि जहाज को इस तरह का ढांचा दिया गया है और रडार-पारदर्शी डेक फिटिंग का इस्तेमाल किया गया है कि इसकी रडार की पहुंच से दूरी रहने की विशेषता और उन्नत हुई है।

जहाज को ‘नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्‍स’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है जो शिप डाटा नेटवर्क (एसडीएन), कांबट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पॉवर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और ऑक्सिलरी कंट्रोल सिस्टम (एसीएस) से युक्त है।

एजेन्सी

 

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