नई दिल्‍ली। भारत अपनी नौसेना को और ताकतवर बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नौसेना में 56 युद्धक पोत और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। तीसरा विमानवाहक पोत लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे भारत की ताकत और अधिक बढ़ जाएगी। नौसेना प्रमुख एडिमरल सुनील लांबा ने सोमवार को इसका खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि हमारी नौसेना की ताकत देखकर पाकिस्‍तान और चीन समुद्र के रास्‍ते भारत पर नजर डालने से पहले सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। लांबा ने देश को भरोसा दिलाया कि नौसेना भारत के समुद्री इलाकों में दिन-रात निगरानी कर रही है।

एडमिरल लांबा ने अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए जिन 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है, वे निर्माणाधीन 32 जंगी जहाजों के अतिरिक्त होंगे। तीसरे विमानवाहक पोत को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।’’

पांच ऑफशोर गश्ती वाहनों के लिए रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिए गए अनुबंध के बारे में एडमिरल लांबा ने कहा, ‘हम रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमिटेड को पांच ऑफशोर गश्त वाहनों के लिए दिए गए अनुबंध की जांच कर रहे हैं, सौदे के लिए बैंक गारंटी भुनाई गई है।’ सेशल्स के एजम्पशन द्वीप पर एक अड्डा बनाने के प्रस्ताव की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सेशल्स की सरकार से बातचीत चल रही है।

     मालदीव के साथ बढ़ेगा सैन्य सहयोग                     

नौसेना प्रमुख ने कहा कि मालदीव में अब भारत के प्रति बेहतर रवैया रखने वाली सरकार बन जाने से दोनों देश समुद्री सहयोग बढ़ा सकेंगे। उन्‍होंने कहा ‘मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि नौसेना भारत के समुद्री इलाके पर दिन-रात निगरानी रखती है।’ उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत मछली पकड़ने वाली करीब ढाई लाख नौकाओं पर स्वत: पहचान करने वाले ट्रांसपोर्डर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

एडमिरल लांबा प्रेस काफ्रेंस के दौरान पाकिस्‍तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के बारे में भी बातचीत की। उन्‍होंने कहा, ‘हम लगातार जाधव के परिवार के संपर्क में हैं और उन्‍हें जो भी सहायता की जरूरत होगी वो मुहैया कराई जाएगी।’ पिछले दिनों अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर जनजाति द्वारा मारे गए अमेरिकी पर्यटक जॉन एलेन चाऊ के मामले पर भी नौसेना प्रमुख ने बातचीत की। उन्‍होंने कहा ‘हमें ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि उनकी मौत के मामले में तटीय सुरक्षा की कोई खामी है. जॉन चाऊ पर्यटक के रूप में अंडमान-निकोबार गए थे। उनके पास वहां जाने का अनुमति पत्र था। इस मामले की जांच अंडमान-निकोबार कमांड पुलिस कर रही है।’

 

 

 

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