नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल में हुआ था। नारायण दत्त तिवारी की छवि ऐसे सर्वमान्य नेता की रही, जिन्हें सभी पार्टियों में बराबर सम्मान मिलता था। 1947 में आजादी के साल ही वह विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुने गये। ये उनके सियासी जीवन की` पहली सीढ़ी थी। 1950 में उत्तर प्रदेश के गठन और 1951-52 में प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में तिवारी ने नैनीताल (उत्तर) सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लिया।
– कांग्रेस की हवा के बावजूद वे चुनाव जीत गये और पहली विधानसभा के सदस्य के तौर पर सदन में पहुंच गये। ये बेहद दिलचस्प है कि बाद के दिनों में कांग्रेस की सियासत करने वाले तिवारी की शुरुआत सोशलिस्ट पार्टी से हुई। 431 सदस्यीय विधानसभा में तब सोशलिस्ट पार्टी के 20 लोग चुनकर आए थे। कांग्रेस के साथ एनडी तिवारी का रिश्ता 1963 से शुरू हुआ।
– यूपी मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 1976-77, 1984-85 और 1988-89 तक तीन बार गद्दी संभाली। इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। एनडी तिवारी केंद्र में भी मंत्री रहे हैं। 1986-87 तक वह राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री रहे। साथ ही 2007 से 2009 तक वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।
– भारतीय राजनीति में एक दौर की राजनीति के धुरंधर रहे तिवारी, 2017 आते-आते एक असहाय, विचलित, विस्मृत और बीमार वृद्ध हो गए थे। 2007 के उत्तराखंड चुनाव में कांग्रेस की हार, उनके राजनीतिक करियर का पटाक्षेप भी था। हालांकि इसकी औपचारिकता एक तरह से 2009 में पूरी हुई।
– 1990 में एक वक्त ऐसा भी था जब राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी दावेदारी की चर्चा भी हुई। आखिरकार कांग्रेस के भीतर पीवी नरसिंह राव के नाम पर मुहर लग गई। बाद में तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए, लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया- वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। तिवारी जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया, वह तीन बार उत्तर प्रदेश के और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। एक अन्य ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, मैं नारायण दत्त तिवारी जी के परिवार व प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति शांति शांति
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