नई दिल्ली। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि आधे से अधिक भारतीय कोरोना के वायरस (SARS-COV-2) से लड़ने में सक्षम हो चुके हैं। साथ ही स्पष्ट किया है कि देश के करीब 32 प्रतिशत लोग अभी भी हाई रिस्क में हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद ही यात्रा करें।
चौथे राष्ट्रीय सीरो-सर्वे के अनुसार 67.6% भारतीयों ने SARS-COV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है। सर्वे से पता चला है कि 6 से 9 साल के 57.2% और 10 से 17 साल के 61.6% बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। 18 से 44 साल के 66.7%, 45 से 60 साल के 77.6%, 60 साल से ऊपर के 76.7% में एंटीबॉडी मिली। इस सर्वे में 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी मिली। शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% लोगों में एंटीबॉडी मौजूद है।
इस सर्वे के अध्ययन और निष्कर्ष के बाद सरकार की और से नई गाइडलाइन जारी की गई है। यात्रा को लेकर जारी इस गाइडलाइन में कहा गया है कि बिना फुल वैक्सीनेशन के यात्रा से बचने की जरूरत है।
ढिलाई की कोई जगह नहीं
सीरो-सर्वे में कोरोना के खिलाफ आशा की किरण दिखी है लेकिन अभी किसी तरह की ढिलाई नहीं दी जा सकती। 32% लोग अब भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं। सरकार ने कहा है कि स्थानीय या जिला स्तर पर हालात अलग हो सकते हैं। सीरो-सर्वे में देश की स्थिति पर ओवरऑल नजर डाली गई है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यों को स्थानीय सीरो-सर्वे जारी रखना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोविड के खिलाफ आबादी का प्रतिशत कितना सुरक्षित है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में संक्रमण की लहरें आ सकती हैं। दरअसल, कुछ राज्यों में कोरोना के खिलाफ हाई लेवल पर इम्यूनिटी मिली है जबकि कहीं पर यह बहुत नीचे है।
जुलाई के पहले हफ्ते से कई राज्यों ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू की है। इससे पर्यटन केंद्रों और बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
कई राज्यों ने सभाओं के लिए पाबंदियों में ढील दी है, लेकिन अभी इससे बचने की जरूरत है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार ने हाल ही में कांवड़ यात्रा रद्द की है।
सरकार ने कहा कि फुल वैक्सीनेशन के बाद ही यात्रा करें। यानी कि वैक्सीन की दोनों डोज तय अंतराल के बाद ले चुके लोग ही यात्रा पर जाएं। लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की जरूरत है।