नई दिल्‍ली। यह नया भारत है जो किसी की धमकी से नहीं डरता और आंख में आंख डालकर बात करता है। अपने फैसले खुद लेता है और उन पर कायम रहता है। अब शायद अमेरिका को भी यह समझ में आ गया होगा। वजह साफ है। अमेरिका की तमाम तरह के प्रतिबंध लगाने की धमकियों के बावजूद भारत ने रूस के साथ न केवल एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की खरीद का समझौता किया बल्कि अब रूस ने भी कह दिया है कि भारत को इसकी आपूर्ती तय समय पर की जाएगी।

रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने बुधवार को यहां यह घोषणा की। उन्‍होंने कहा है कि इसको लेकर रूस की तरफ से किसी भी तरह की कोई देरी नहीं होगी और ये अपने सही राह पर है। पत्रकारों के साथ बातचीत में कुदाशेव ने कहा कि एस-400 को लेकर भारत और रूस के बीच जो समझौता हुआ था उसको लेकर दोनों ही पक्ष अपने पुराने रुख पर कायम भी हैं और प्रतिबद्ध भी हैं। इसलिए उनकी जानकारी में इस सौदे को सफलतापूर्वक तय समय के अंदर ही पूरा कर लिया जाएगा। रूसी राजदूत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एस-400 की डील को लेकर अमेरिका तुर्की से काफी खफा है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत के दौरे पर आए थे। जब उनसे एस-400 की डील के बारे में पूछा गया था तो उन्‍होंने सीधे तौर पर कहा था कि अमेरिका नहीं चाहता है कि कोई भी देश रूस से ऐसी डील करे। जब उनसे ये पूछा गया था कि क्‍या इसको लेकर अमेरिका भारत पर भी प्रतिबंध लगा सकता है तो उन्‍होंने कहा था कि फिलहाल इसका सवाल नहीं उठता है क्‍योंकि भारत को इसकी आपूर्ति नहीं हुई है। प्रेक्षकों के मुताबिक, यदि भारत इस सौदे पर आगे बढ़ता है तो अमेरिका काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रो सेंक्‍शन एक्‍ट (काट्सा, CAATSA)के तहत भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है।

गौरतलब है कि भारत कई बार इस बात को कहा चुका है कि वह इस डिफेंस सिस्टम की खरीद देश की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए कर रहा है। माना जा रहा है कि इस अत्‍याधुनिक डिफेंस सिस्‍टम की सप्‍लाई रूस इस वर्ष के अंत तक शुरू कर देगा। रूसी राजदूत ने इस सौदे और भारत से रिश्‍तों पर अपनी टिप्‍पणी करते हुए कहा कि दोनेां देश लंबे समय से एक-दूसरे के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं। अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर भी दोनों देश साथ विभिन्‍न मुद्दों पर एक साथ दिखाई दिए हैं।

 
 

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