नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी ठहराए गए चार लोगों में से एक पवन गुप्ता की यचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि अपराध के समय वह नाबालिग नहीं था। अदालत ने पवन के अधिवक्ता एपी सिंह पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट से भी फांसी की सजा पा चुके पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर घटना के समय खुद के नाबालिग होने की बात कही थी। साथ ही कहा कि जांच अधिकारी द्वारा उम्र की जांच के लिए उसका मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया था। उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत  संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए।

इससे पहले हाईकोर्ट ने आज (गुरुवार को) अपना बुधवार का फैसला वापस लेते हुए आज ही सुनवाई करने का निर्णय लिया। इससे पहले गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 24 जनवरी को सुनवाई का आदेश दे दिया था।  अदालत के फैसले के बाद निर्भया की मां ने अदालत से गुहार लगाई की मामले की सुनवाई को न टाला जाए जिसके बाद कोर्ट ने 24 जनवरी तक मामले को टालने के आदेश को वापस ले लिया। गौरतलब है कि निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात पांच वयस्क पुरुषों और एक नाबालिग ने एक चलती बस में मिलकर क्रूरता के साथ दुष्कर्म किया था। बाद में पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।

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