नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या (Nirbhaya gang rape and murder) मामले के दूसरे दोषी अक्षय को भी सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उसकी क्यूरेटिव याचिका भी शीर्ष अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दी। अब मुकेश की तरह वह भी राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर कर सकता है। मुकेश की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी होगी या नहीं, इस पर संशय अभी बना हुआ है। अक्षय ने फांसी रोकने की गुजारिश की थी, उसे भी खारिज कर दिया गया।
न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, आर. भानुमति और अशोक भूषण की पंच सदस्यीय पीठ ने सुनाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुकेश की एक याचिका को खारिज किया था। यह याचिका राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ थी। अब मुकेश के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है।
वहीं, एक अन्य दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है, जबकि दोषी पवन ने अभी तक न तो क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है और न ही दया याचिका।
यह है निर्भया मामला
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्र निर्भया से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छात्रा से इस कदर दरिंदगी की गई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारो अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया जा चुका है।